बुखार में योग करना उचित है

By: Apr 30th, 2017 12:05 am

बदलते मौसम में अकसर लोगों को बुखार हो जाता है। जिसकी वजह से आप अपने आपको कमजोर और बेहद थका हुआ महसूस करते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप बुखार के दौरान भी कर सकते हैं। इसमें कुछ सांस को अंदर- बाहर छोड़ने के आसन हैं, जिससे शरीर में तेजी बनने लगती हैं।

शीतली प्राणायाम

इस योग को शीतली प्राणायाम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन को करने से शरीर में ठंडक यानी कि शीतलता आने लगती है। शीतली प्राणायाम इनसान के शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है, क्योंकि इससे तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है, जिससे बुखार ठीक होता है।

सबसे पहले आप जमीन पर कंबल या दरी बिछा लें। अब सुखासन व पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं।

कमर, पीठ, रीढ़ और गर्दन एक सीध में हो।

शांत भाव से बैठे रहें।

फिर अपनी जुबान को बाहर की ओर निकालें।

अब अपनी जीभ के किनारों को ऊपर की उठाकर मोड़ लीजिए।

इस तरह से आपके जुबान की आकृति कौए की चोंच जैसी बन जाती है।

अब लंबी व गहरी सांस के जरिए पेट में कंठ तक वायु को भर लें।

अब अपनी जुबान को अंदर करके अपने मुंह को बंद कर लें। जितनी देर हो सकता है उतनी देर तक ऐसा करें।

अब अपने दोनों नथुनों से रोचक करके वापस आराम कीजिए।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

अनुलोम- विलोम प्राणायम को नाड़ी शोधक प्राणायम के नाम से भी जाना जाता है। इसे नियमित रूप से करने पर शरीर की सारी नाडि़यां शुद्ध व निरोग रहती हैं। इसके अलावा इस आसान को करने से सर्दी, जुकाम, बुखार व दमा में भी काफी राहत मिलती है।


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