मजदूरों को मिल गया अनाज
बड़सर — कुलदेवी मंदिर झोरघाट में करीब आठ वर्ष पूर्व बनाई गई रिटेनिंग वॉल कार्य में लगे मजदूरों को काम के बदले मिलने वाला अनाज आखिरकार मिल ही गया। इस मुद्दे को ‘दिव्य हिमाचल’ समाचार पत्र ने प्रमुखता से उठाया था। खबर छपते ही संबंधित कमेटी हरकत में आई और मजदूरों को मजदूरी के बदले मिलने वाला मेहनताना दे दिया। बताते चलें कि कुलदेवी झोरघाट मंदिर की सुरक्षा हेतु करीब आठ वर्ष पूर्व रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य पंचायत द्वारा बनाई गई कमेटी के माध्यम से करवाया गया था, लेकिन आठ वर्ष बीत जाने के उपरांत भी मजदूरों को मजदूरी के बदले मिलने वाला अनाज नहीं दिया गया था। कायदे के अनुसार किसी भी सरकारी व गैर सरकारी कार्य के समाप्त होते ही मजदूरों को उनका मेहनताना कुछ ही दिनों में देना आवश्यक होता है। बावजूद इसके पंचायत द्वारा करीब 90 हजार रुपए के कार्य की एवज में 79,100 रुपए की राशि तो अदा कर दी गई, लेकिन 10,900 रुपए की एवज में मिलने वाला राशन मजदूरों को नहीं दिया गया था। निर्माण आर्य में लगे मजदूरों हजारा सिंह, बली राम, मल्ला राम, रमेश चंद, झेडू राम इत्यादि का कहना है कि कार्य समाप्त होने के बाद धन का भुगतान करते समय हमें यह बताया गया था कि शेष बची राशि के बदले कूपन दिए जाएंगे तथा वितरित कूपनों की एवज में अनाज दिया जाएगा। कुछ समय बीत जाने के बाद जब अनाज की मांग की गई, तो पंचायत ने आनाकानी करना शुरू कर दी। मजदूरों की समस्या को ‘दिव्य हिमाचल’ समाचार पत्र ने ‘आठ साल बाद भी नहीं मिली मजदूरी’ शीर्षक से प्रकाशित किया था। खबर छपते ही संबंधित कमेटी हरकत में आई और मजदूरों को मजदूरी के बदले मिलने वाला अनाज दे दिया। बहरहाल, आठ साल बाद मजदूरों को अपना मेहनताना नसीब हो ही गया। इस संबंध में स्थानीय पंचायत प्रधान रजनी वाला ने बताया कि ऐसी सूचना प्राप्त हुई है कि मजदूरों को मजदूरी के बदले मिलने वाला अनाज बांट दिया गया है।
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