मनरेगा के लिए 240 करोड़ जारी

By: Apr 12th, 2017 12:04 am

NEWSहमीरपुर — मनरेगा के लिए केंद्र से राज्य को 240 करोड़ का बजट जारी हुआ है। इसमें 40 करोड़ की राशि मैटीरियल के लिए मिली है। बजट में मनरेगा दिहाड़ी सहित कर्मचारियों के लिए वेतन का भी प्रावधान है। इसके साथ ही पेंडिंग राशि के भुगतान के लिए भी करोड़ों रुपए जारी हुए हैं। एफटीओ जनरेट कर जिला स्तर पर राशि को निकाला जा सकता है। बजट का प्रावधान होते ही अब हिमाचल में राशि के अभाव में रुके मनरेगा कार्यों को गति मिलेगी। पंचायत स्तर पर मनरेगा बजट जारी होने का इंतजार किया जा रहा था। वित्त वर्ष के प्राथमिक चरण में केंद्र ने राज्य को 240 करोड़ की सौगात दी है। बजट के जारी होने से जल भंडारण टैंक, रास्तों, बावडि़यों सहित अन्य अटके कार्य पूरे होंगे। हालांकि केंद्र सरकार मार्च में भी मैटीरियल के लिए साढ़े 12 करोड़ जारी कर चुकी है, लेकिन यह राशि नाममात्र ही साबित हुई थी। नए वित्त वर्ष का बजट जारी होने से लोगों को राहत मिलेगी। बताते चलें कि मनरेगा कार्य सीमेंट की कमी के चलते प्रभावित हो रहे थे। सीमेंट का प्रावधान न होने के कारण मनरेगा कार्यों पर पूरी तरह विराम लग गया था। संबंधित विभाग रुपए न होने के चलते सीमेंट की खरीददारी नहीं कर पा रहा था। सीमेंट के लिए पहले रुपयों का भुगतान करना होता है। रुपयों का भुगतान होने के बाद मनरेगा कार्य के लिए सीमेंट जारी किया जाता है। वहीं मनरेगा में दिहाड़ीदारों को भी कई मस्टररोल में कार्य करने के बाद पैसा जारी नहीं हुआ था। इस कारण इन्हें भी मजदूरी का मेहनताना नहीं मिल पा रहा था। हालांकि मनरेगा मैटीरियल के लिए राज्य को केंद्र सरकार ने मार्च माह में साढ़े 12 करोड़ का बजट जारी किया था। डीटेल ऑनलाइन होते ही कई जिलों ने तुरंत एफटीओ जेनरेट कर रुपए निकाल लिए। पलक झपकते ही साढ़े 12 करोड़ की राशि समाप्त हो गई। कई जिला को इस राशि से एक पाई तक नहीं निकाल सके। ऐसे में इन जिलों में मनरेगा कार्य पूरी तरह ठप हो गए थे। मनरेगा कार्यों के लिए पहुंचाई गई रेत, बजरी भी सीमेंट की कमी के कारण उपयोग नहीं हो पा रही थी। जल भंडरण टैंक व बावड़ी के कार्य महज गड्ढों तक ही सिमट गए थे,लेकिन अब बजट जारी होने से विकास को रफ्तार मिलेगी।


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