शिक्षकों को पेंशन दे सरकार
राजकीय प्रशिक्षित कला अध्यापक संघ ने बुलंद की आवाज
बरठीं — राजकीय प्रशिक्षित कला अध्यापक संघ ने शिक्षकों को पेंशन सुविधा देने की मांग की है। संघ के प्रदेश महासचिव सुरेश कौशल, वरिष्ठ उपप्रधान किशोर वर्मा, कोषाध्यक्ष संजय ठाकुर, बिलासपुर के जिला प्रधान दिग्विजय, अखिलेश, ऊना के प्रधान संजीव राजन, कांगड़ा के ओम प्रकाश, किन्नौर के सुमित नेगी, सिरमौर के सुभाष ठाकुर व अन्य शिक्षकों ने मई, 2003 के उपरांत सरकारी सेवा में आए शिक्षकों को पेंशन के दायरे में लाने की पुरजोर मांग की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में मई, 2003 के बाद हजारों की संख्या में कर्मचारी सरकार के अधीन अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उन्हें पेंशन जैसे मूलभूत संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा गया है, जो कि इन कर्मचारियों व शिक्षकों के साथ अन्याय है। एनपीएस संगठन ने भी इस बारे में कड़ा संज्ञान लेते हुए चेतावनी दी है कि आने वाले चुनावों में वोट भी उसी को दिया जाएगा, जो कर्मचारियों के हित में काम करते हुए उन्हें पेंशन जैसी सुविधा देने की पहल करेगा। इसलिए राजकीय टीजीटी आर्ट्स एसोसिएशन एनपीएस संगठन का समर्थन करेगी। उन्होंने बताया कि संवैधानिक व्यवस्था के चलते एक कर्मचारी सेवानिवृत्ति के उपरांत पेंशन का हकदार होता है, लेकिन मई, 2003 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों के लिए इस तरह की व्यवस्था उनके अधिकारों का हनन है। व्यवस्थागत ढांचे को चिंतनीय विषय करार देते हुए उन्होंने कहा कि एक विधायक एक बार शपथ लेने मात्र से ही पेंशन का हकदार हो जाता है, जबकि एक कर्मचारी जो अपना पूरा जीवन सरकारी सेवा में लगा देता है, उसे खाली हाथ घर भेज दिया जाता है, जो कि गैर तर्कसंगत है। आखिर कर्मचारियों के अधिकारों पर ही कैंची क्यों चलाई जाती है, यह बात समझ से परे है। उधर, प्रदेश प्रधान सुरेश पन्याली ने बताया कि पेंशन सुविधा कर्मचारी का अधिकार है, जो उन्हें हर हाल में मिलना चाहिए।
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