शिक्षक-छात्र ईसी में शामिल

By: Apr 4th, 2017 12:01 am

बैठक में मिली मंजूरी, एचपीयू के दीक्षांत समारोह पर भी मुहर

शिमला  —  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय  की कार्यकारिणी परिषद में अब शिक्षकों और छात्र हित से जुड़े मुद्दे उठाने का अवसर शिक्षकों और छात्रों को मिलेगा। प्रदेश से छात्र प्रतिनिधि विवि कार्यकारिणी परिषद में सीधे रूप से छात्रों की मांगें रख सकेगा। अभी तक छात्रों को इन मांगों के लिए आंदोलन का रास्ता ही अपनाना पड़ता है, लेकिन अब ईसी प्रतिनिधि के रूप में छात्र अपनी मांगें विवि की सर्वोच्च संस्था ईसी में रख सकेंगे। इसी तरह एक प्रतिनिधि पूरे प्रदेश के कालेज शिक्षकों सहित विवि शिक्षकों की मांगें भी सर्वोच्च संस्था के समक्ष रख सकेंगे। यह अवसर विवि कार्यकारिणी परिषद की सोमवार को विवि में बुलाई गई आपातकालीन बैठक में विश्वविद्यालय सहित विवि से संबद्ध कालेजों और निजी शिक्षण संस्थानों से शिक्षक प्रतिनिधि को ईसी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने और इसी तरह छात्र प्रतिनिधि को भी कार्यकारिणी परिषद में शामिल करने पर मंजूरी देने के चलते मिला है। बैठक में लिए गए फैसले के तहत कार्यकारिणी परिषद में शिक्षक और छात्र प्रतिनिधि के पदों को भरा जाएगा। इन पदों पर प्रतिनिधियों का चयन कर उन्हें ईसी सदस्य के रूप में चुनकर इसका हिस्सा बनाया जाएगा। शिक्षक और छात्र प्रतिनिधि के ईसी में शामिल होने से इस बैठक में होने वाले निर्णयों में और अधिक पारदर्शिता आएगी। इन पदों को भरने के लिए मंजूरी विवि की कार्यकारिणी परिषद की बैठक में दी गई। वर्तमान में विवि कार्यकारिणी परिषद में गैर शिक्षक कर्मचारियों के प्रतिनिधि के रूप में भी एक सदस्य का चयन विवि गैर शिक्षक कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है। इससे पहले 10 साल पूर्व शिक्षक और छात्र प्रतिनिधि ईसी में शामिल थे, लेकिन इस प्रक्रिया को विवि ने बीच में रोक दिया था, जिसके बाद शिक्षक और छात्रों द्वारा यह मांग लगातार उठाई जा रही थी कि ईसी के निर्णयों में छात्रों और शिक्षकों का पक्ष रखने के लिए इनके प्रतिनिधि को भी ईसी सदस्य के रूप में शामिल किया जाए। इस फैसले को ईसी की मंजूरी मिलने के बाद अब प्रदेश विवि और कालेज शिक्षकों के साथ ही विवि और कालेज छात्रों के प्रतिनिधि ईसी का हिस्सा बन पाएंगे। हालांकि इन प्रतिनिधियों के चयन की प्रक्रिया क्या होगी, यह अभी विश्वविद्यालय द्वारा तय किया जाना है। शिक्षक प्रतिनिधि के चयन के लिए तो विवि चुनावी प्रक्रिया का सहारा ले सकता है, लेकिन छात्र प्रतिनिधि का चयन किस तरह होगा, इसे लेकर विवि असमंजस में है। बैठक में प्रदेश विश्वविद्यालय अपने 24वें दीक्षांत समारोह को करवाने और इस समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को बतौर मुख्यातिथि आमंत्रित करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी है। सोमवार को हुई बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों ने विवि इक्डोल में सोसोलॉजी विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के आदेशों पर अंजना ठाकुर को सिलेक्शन कमेटी के सुझावों पर नियुक्त करने पर अपनी मंजूरी की मुहर लगाई। बैठक में विवि कुलपति प्रो. एडीएन बाजपेयी, प्रति कुलपति प्रो. राजेंद्र सिंह चौहान, विधायक अनिरुद्ध सिंह, चंद्रशेखर, प्रो. जेबी नड्डा और अन्य सदस्य मौजूद रहे।

यह होगी चयन की प्रक्रिया

विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में शिक्षक और छात्र प्रतिनिधि के चयन की प्रक्रिया इस सत्र में ही विवि पूरी करेगा। शिक्षकों के लिए चुनावी प्रक्रिया जहां प्रतिनिधि चयन के लिए होगी तो वहीं छात्र प्रतिनिधि का चयन एससीए के गठन पर निर्भर करेगा। इसमें मैरिट के आधार पर चुने गए प्रतिनिधि को या फिर सभी सदस्यों को चुनाव करवाकर एक प्रतिनिधि का चयन प्रदेश विश्वविद्यालय करेगा।

एबीवीपी की आक्रोश रैली ऐतिहासिक

रामपुर बुशहर — एबीवीपी ने 30 मार्च को शिमला में हुई छात्र आक्रोश रैली को ऐतिहासिक बताया है। जिला संयोजक सचिन नेगी और प्रांत कार्यकारिणी सदस्य कल्पना नेगी ने कहा कि आक्रोश रैली में पूरे प्रदेश से 25 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। रैली में रामपुर से 30 से ज्यादा बसें शिमला गई थीं और रामपुर विभाग से 2500 छात्र-छात्राएं इस ऐतिहासिक रैली में शरीक हुए थे। इस मौके पर एबीवीपी उपाध्यक्ष हिमांशु कंवर और छात्रा प्रमुख मीनाक्षी मौजूद रहे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App