सरकार को किसानों से नहीं कोई सरोकार

By: Apr 12th, 2017 12:01 am

भारतीय किसान सभा का आरोप, सुविधाएं देने में केंद्र-राज्य सरकारें नाकाम

शिमला  —  अखिल भारतीय किसान सभा के 81वें स्थापना दिवस के अवसर पर हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश में संगठन को मजबूत करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने  कहा कि केंद्र सरकार तीन साल पूरे होने पर भी किसानों की मूलभूत समस्याओं के प्रति उदासीन है। इसलिए इन किसानों के कर्ज माफ  करना व अन्य सुविधाएं देना तो दूर, उल्टा इन्ही किसानों को जमीन से बेदखल करते हुए खाद, बीज, पानी मूलभूत सुविधाओं से भी महरूम किया जा रहा है। डा. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि पांच अप्रैल को हजारों किसानों ने सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन कर उनके मुख्यतः छह मुद्दों पर सरकार को ज्ञापन सौंपा। इनमें से केवल एक मुद्दे पर ही सरकार ठोस निर्णय लेने की हिम्मत जुटा पाई है। राज्य सचिव राकेश सिंघा ने आरोप लगाया कि तीन लाख से अधिक पेड़ काटे जाने के बावजूद सरकार की छोटे किसानों को राहत देने की मंशा नहीं है। श्री सिंघा ने कहा कि यदि सरकारें इतनी संवेदनशील हैं तो क्यों स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं करती हैं? उन्होने राजस्थान में किसान पहलू खान की वीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों द्वारा गो तस्करी का झूठा इल्जाम लगाकर हत्या करने की निंदा की है।

संगठन में पौने दो करोड़ से ज्यादा मेंबर

किसान सभा के 81वें स्थापना के अवसर पर राज्य कोषाध्यक्ष सत्यवान पुंडीर ने बताया कि 11 अपै्रल, 1936 में लखनऊ में स्वामी सहजानंद सरस्वती की अध्यक्षता में गठित अखिल भारतीय किसान सभा आज देश ही नहीं, दुनियाभर में किसानों का सबसे बड़ा संगठन है, जिसमें पौने दो करोड़ से अधिक सदस्य हैं। प्रदेश इकाई के रूप में हिमाचल किसान सभा के आज प्रदेश में 50 हजार से अधिक सदस्य हैं, जिसे इस वर्ष 75 हजार तक बढ़ाया जाएगा।


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