सातवें नवरात्र पर खूब लगे जयकारे
नालागढ़ — चैत्र नवरात्र के सातवें नवरात्र पर क्षेत्र के मंदिरों में खूब भीड़ उमड़ी और भक्तों ने माता रानी की पूजा-अर्चना की। सोमवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की लोगों ने पूजा-अर्चना की और मंदिरों में शीश नवाकर माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक चैत्र नवरात्र में इस बार अष्टमी व रामनवमी चार अप्रैल को एक साथ है। जानकारी के अनुसार सोमवार को भी मंदिरों में श्रद्धालुओं की खूब भीड़ रही और सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा और श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के साथ ही उपवास भी रखे हैं। नालागढ़ शहर वार्ड-नौ स्थित मां दुर्गा माता मंदिर, बाबा भारती मंदिर, चुहूवाल मंदिर, गबला कुआं, तालाब वाला मंदिर, शीतला माता मंदिर, काली माता मंदिर, भल्लेश्वर मंदिर आदि में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ नजर आई। नालागढ़ शहर के वार्ड-नौ स्थित दुर्गा माता मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रहती है। लोग यहां सुबह से लेकर देर रात तक शीश नवाने आते हैं और पूजा-अर्चना करने के बाद मां का आशीर्वाद प्राप्त कर घरों को लौटते है। बताया जाता है कि नवरात्र में दुर्गाजी के मां कालरात्रि रूप की पूजा-अर्चना की जाती है और शक्ति का सातवां स्वरूप कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक, कांटों के आभूषण है और रंग काला है, लेकिन सदैव शुभ फल देने वाली ही है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश, ग्रह बाधाओं को दूर करने वाली है। आसुरी शक्तियों का संहार करने के लिए कालरात्रि का पूजन किया जाता है। इसके बाद आठवें दिन महागौरी व नौवें दिन सिद्धिदात्री मां की पूजा-अर्चना की जाती प्रेम ज्योतिष संस्थान के पंडित प्रेम शर्मा ने कहा कि नवरात्रि पर्व पर मां दुर्गा के चरणों में सारे दुख-दर्द समर्पित करने चाहिए और मां की आराधना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चार अप्रैल को 11:20 मिनट तक अष्टमी व उसके बाद रामनवमी शुरू हो जाएगा और रामनवमी उत्सव के पर्व भी चार अप्रैल को ही मनाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि नवरात्रों में कंजिका पूजन और व्रत उपवास पूरी तरह से विधि-विधान के साथ करने चाहिए और मां प्रसन्न होकर सभी की मनोकामना पूरी करती है।
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