सियासी बुकिंग के नए आयाम

By: Apr 18th, 2017 12:02 am

जीवन को समझने और सफल बनाने की दरगाह जिस तरह राजनीति बनती जा रही है, वहां इस खुशफहमी को बरकरार रखने की कसरतें भी जारी हैं। हिमाचल में आगामी चुनाव भले ही कुछ कदम दूर है, लेकिन अपना मुकाम बनाने की कोशिशें सरकार के अंतिम वर्ष को तिनका बना चुकी हैं। गौर से देखें तो भाजपा व कांग्रेस अपनी-अपनी सत्ता की खोज में राजनीतिक बुकिंग करने में लगी हैं। यहां राजनीतिक भुजाएं हैं और खुशफहमियां भी। कई नेता पार्टियों से बड़े होने की मशक्कत में राग अलाप रहे हैं, तो अन्य कई विरासत को बचाने में जुटे हैं। प्रवेश द्वारों पर हो रही सियासत के न जाने कितने मुंह और बोलियों के बीच अपनी-अपनी बुकिंग का अंदाज भी निराला। इसी बीच दो नए कालेजों की बुकिंग हो गई हिमाचल के खजाने से। सत्ता और विपक्ष के बीच राजनीतिक फायदों के अपने-अपने संस्करण, लेकिन बुकिंग की तहजीब अलग-अलग। भाजपा के तमाम सांसद तेजी से उठक-बैठक करते हुए केंद्रीय मंत्रियों के द्वार में और विकास भी अब बुक होने लगा। फोरलेन की परिपाटी में विकास बुक है, तो भाजपा अवश्य ही सियासत को भांज सकती है। कमाल की फितरत यह कि एक साथ सारे सांसदों ने विमान सेवाओं को भी राजनीतिक झोली में भरना शुरू कर दिया। शिमला को बिना नियमित उड़ान शुरू हुए भी सियासत अपनी बुकिंग करवा सकती है, तो न जाने कब से ऊना-हमीरपुर या भानुपल्ली-बिलासपुर के बड़े रेल ट्रैक पर राजनीतिक बुकिंग का दौर चल रहा है। जगह-जगह बैठकें और आंदोलन की ऊंची होती गर्दन के ठीक नीचे नेताओं की बुकिंग जारी है। नित नए नेता, कुछ परिवारों से निकले और कुछ बेचारे खामख्वाह भागते-भागते पहुंच गए। कुछ इस उम्मीद में कि उनके पार्टी नेतृत्व में बदलाव होगा और कुछ पिछलग्गू बनकर वैतरणी पार करने की आशा से बंधे हैं। बुकिंग जोड़-तोड़ की, सलाम और दुआओं की। ठौर और पार्टियां बदलने की। सोशल मीडिया पर खुद को देवता और दूसरों को शैतान बनाने की होड़ में कुछ नेताओं ने प्रशंसकों की भी बुकिंग कर रखी है। कमाल है चुनाव पूर्व का यह हिमाचली साल और इसमें मालामाल होती घोषणाएं। हर मंत्रिमंडलीय बैठक मेहनत करके कोई न कोई पुष्पगुच्छ तैयार करती है और इसी धुन में चंबा में आयोजित हिमाचल दिवस पूरी तरह अनुबंधित कर्मचारियों के नाम पर बुक रहा। यानी तीन साल के अरसे में अनुबंध की फाइल स्थायी रोजगार की पैरोकार हो गई। बीस हजार अनुबंध कर्मियों को एक झटके में दिवाली मनाने का संदेश देकर मुख्यमंत्री ने सरकारी रहम के सारे दरिया खोल दिए। कमोबेश हर चुनाव से पहले घोषणाओं और इस तरह के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ की सियासी बुकिंग कर्मचारियों के हित में हुई है। पूर्ववर्ती धूमल सरकार ने भी सत्ता के अंतिम साल की चरागाह में कर्मचारियों के पक्ष में पूरी फसल उगाई थी और अब भी साधने की राजनीतिक बुकिंग इस वर्ग के नाम पर चल रही है। इससे पहले बेरोजगारी भत्ते की घोषणा से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण, इसकी राजनीतिक बुकिंग का तात्पर्य दिखाई दिया। सियासत की जबरदस्त बुकिंग में परिवहन मंत्री जीएस बाली का अपना गणित अगर बेरोजगारी भत्ते के फैसले को रैली में बदल सकता है, तो अचानक अपने वाहन के सिर से लाल बत्ती गुल करने का अनूठा प्रयोग करके चकित कर सकता है। सियासी बुकिंग के बदलते तौर तरीकों के बीच नेताओं का अपना हिसाब, लेकिन पार्टियों के बीच जमीन पर पांव जमाने और एक-दूसरे की सरकाने का हिसाब। भाजपा के बीच सत्ता का मखमली युद्ध और शहंशाह बन जाने की बुकिंग का इंतजार। चुनाव की मोदी-शाह शैली के बीच भाजपा नेताओं की बुकिंग का सन्नाटा अगर बढ़ता है, तो बड़े नेताओं की ही नींद हराम होगी। बहरहाल मतदाता अपने एक मत के सहारे पूरी सरकार को बुक करने की तैयारी में, ताकि राजनीति के वर्तमान दौर में सबसे अधिक बटोर सके।


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