सेक्सुअल हृसमेंट कमेटी की अध्यक्ष महिला ही हो

By: Apr 23rd, 2017 12:01 am

शिमला— छात्राओं के यौन शोषण की शिकायतों का निपटारा करने के लिए शिक्षण संस्थानों में गठित होने वाली कमेटियों का अध्यक्ष महिला को ही बनाया जाना अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग ने इस बारे में  माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के साथ कालेजों को यह बात सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जिन संस्थानों में कमेटियां बनी हैं, उनमें कमेटियों की अध्यक्ष महिला ही हो। इसके साथ ही उन संस्थानों में जहां कमेटियां नहीं बनी हैं, खासकर नए अपग्रेड हुए स्कूलों में वहां एक सप्ताह के भीतर कमेटियां गठित की जाएं। जानकारी के अनुयार जिन स्कूलों-कालेजों में पहले से कमेटियां गठित हो चुकी हैं, उनसे पिछले एक साल का पूरा ब्यौरा भी देने को कहा गया है। इसमें शिक्षण संस्थानों को बताना होगा कि वर्ष 2016-2017 कितनी शिकायत आईं और उनका किस तरह से निपटारा किया गया। इसकी पूरी रिपोर्ट स्कूलों को उपनिदेशकों के जरिए 30 अप्रैल तक उच्च शिक्षा निदेशालय भेजना होगा।

आरटीई के दायरे में एचआईवी पॉजिटिव बच्चे

केंद्र के निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी की है कि प्रदेश में एचआईवी पॉजिटिव बच्चे भी राइट टू एजुकेशन के दायरे में आएंगे। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट की ओर से आदेश जारी किए गए थे कि एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को आरटीई एक्ट 2009 की धारा 2(डी) के तहत डिस्एडवांटेज्ड ग्रुप में अधिसूचित किया जाए। इसके बाद शिक्षा विभाग ने भी इस बारे में निर्देश जारी किए हैं।


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