हिमाचली सड़कें सुविधाहीन हाई कोर्ट का कड़ा संज्ञान

By: Apr 27th, 2017 12:02 am

शिमला— हिमाचल प्रदेश के नेशनल और स्टेट हाई-वे पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न होने पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने कड़ा संज्ञान लिया है। अदालत ने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रदेश भर में रोजाना 500 बसों की आवाजाही होती है और हाई-वे पर यात्रियों के लिए किसी भी तरह की सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है। यात्री, खासकर महिलाएं और बच्चे, जो कि बसों में सफर करते है, उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने इसे पीड़ादायक बताया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जीने के अधिकार के चलते सभी नागरिकों को हाई-वे पर यात्रा के दौरान सभी सुविधाएं पाने का अधिकार है, चाहे वे किसी भी साधन से यात्रा कर रहे हों। एचआरटीसी के रीजनल मैनेजर द्वारा दायर स्टेट्स रिपोर्ट को बतौर जनहित याचिका मानते हुए अदालत ने इसे खंडपीठ के समक्ष पेश करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने खेद जताते हुए एचआरटीसी प्रबंधन की लचर कार्य प्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यात्रियों को हाई-वे पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानी होती है। बसें जहां खाना खाने के लिए रुकती हैं, वहां पर न तो शौचालय होते हैं और न ही खाने-पीने का उचित प्रबंध है।


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