अंब में स्पेशलिस्ट ही नहीं…डाक्टरों के भी दो पद खाली

By: May 3rd, 2017 12:07 am

300 की ओपीडी वाले अस्पताल में स्टाफ न होने से सीधे रैफर किए जा रहे मरीज

newsnewsअंब – अंब मुख्यालय में स्थित एकमात्र सरकारी अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा मिलने के बावजूद अभी तक सुविधाओं की कमी है। पुख्ता इलाज न होने के कारण रोगियों को दूर दराज के क्षेत्रों में उपचार के लिए जाने को विवश होना पड़ रहा है। करीब 40 हजार लोगों की सेहत तीन डाक्टरों के सहारे है। इस समय सिविल अस्पताल में दो मेडिकल आफिसर व आधा दर्जन स्टाफ नर्स के पद रिक्त चल रहे हैं। प्रतिदिन 300 के करीब ओपीडी वाले इस अस्पताल में कोई भी हड्डी रोग विशेषज्ञ व ट्रॉमा सेंटर की सुविधा नहीं है। अल्ट्रासाउंड व नेत्र रोग विशेषज्ञ न होने के चलते मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में महंगे दामों पर उपचार करवाना पड़ रहा है। सितंबर, 2015 में जब उक्त अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा देते वक्त सरकार ने यहां पर तुरंत स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं मुहैया करवाने की बात कही थी, लेकिन वास्तविकता अभी तक कोसों दूर दिखाई दे रही है। वर्तमान में 50 बेड के इस अस्पताल में तीन मेडिकल आफिसर व चार स्टाफ नर्स, जबकि स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुसार छह बेड पर एक स्टाफ नर्स होनी चाहिए। बढ़ते यातायात के कारण यहां पर रोजाना सड़क दुर्घटनाओं का होना आम बात हो गई है, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के उपचार के लिए कोई हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने के कारण पीडि़त मरीजों को नाजुक हालत में स्थानांतरण करना पड़ता है। पोस्टमार्टम की सुविधा न होने के कारण भी लोगों को यहां पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मौत होने के बाद पोस्टमार्टम के लिए परिजनों व पुलिस बलों को 35 किलोमीटर दूर क्षेत्रीय अस्पताल ऊना जाना पड़ता है, जिसके चलते समय की बर्बादी के साथ-साथ मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है। सीनियर सिटीजन के लिए भी अंब अस्पताल में कोई विशेष सुविधा नहीं है।

डाक्टर-बेड सुविधा बढे़, तो बने बात

सिविल अस्पताल अंब में करीब डेढ़ दर्जन पंचायतों के लोग उपचार के लिए पहुंचते हैं, वहीं धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी व बाबा बड़भाग सिंह मैड़ी में आने वाले भक्तों के वाहनों की आमद होने के चलते आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं। स्थानीय लोगों राधाकृष्णा, बृजेश शर्मा, सतीश शर्मा व समाजसेवी मुल्खराज ने कहा कि अंब अस्पताल में 50 बेड की सुविधा है। उन्होंने कहा कि सरकार को अस्पताल में बेड सुविधा के साथ डाक्टरों को बढ़ाना चाहिए।

प्राइवेट में करवाना पड़ता है अल्ट्रासाउंड

अंब अस्पताल में नेत्र रोग, दंत रोग विशेषज्ञ व सर्जन न होने के कारण रोगियों को उपचार के लिए निजी अस्पतालों की और रुख करना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सुविधा भी नहीं है, जिसके चलते रोगियों को बाहर महंगे दामों पर अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है। अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ भी न होने के कारण हल्का सा फे्रक्चर होने पर भी रोगी को रैफर कर दिया जाता है। यहां हर मरीजों को भटकते हुए देखा जा सकता है।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App