अराजपत्रित कर्मी अनदेखी पर गुस्सा

By: May 7th, 2017 12:05 am

चंबा – जिला अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की अहम बैठक शनिवार को बचत भवन परिसर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता महासंघ के जिला प्रधान सतपाल ठाकुर ने की। चंबा में महासंघ के जिलाध्यक्ष सतपाल ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में महासंघ के समस्त ओहदेदारों सहित समस्त संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में गत वर्ष जेसीसी की बैठक में लिए गए निर्णय जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण न होने पर महासंघ ने नाराजगी जताई है। सतपाल ठाकुर ने जेसीसी की बैठक में जो निर्णय लिए हैं, उसमें से 80 फीसदी कार्य अभी अधर में लटके हैं। महज 20 फीसदी कार्य ही विभागीय अधिकारी कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने समस्त अधिकारियों को जेसीसी बैठक में लिए गए निर्णयों पर अमल करने के आर्डर दिए थे, लेकिन कुछ अधिकारी उपायुक्त के आर्डर की भी अनदेखी कर रहे हैं। महासंघ ने समस्त विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया है कि जो कार्य अधर में लटके हुए हैं उन्हें तुरंत पूर्ण किया जाए, ताकि कर्मचारी वर्ग को राहत मिल सके। महासंघ ने 4-9-14 की वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग उठाई तथा उक्त लाभ से वंचित कर्मचारियों को तुरंत राहत देने की बात बैठक में उठाई गई। बैठक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रधान नरेश शर्मा ने दिहाड़ीदार कर्मियों को सात साल की बजाय पांच सालों में रेगुलर करने की मांग सरकार से की है। विभागाध्यक्षों द्वारा विभागीय कर्मचारियों के आई कार्ड बनाने, भरमौर अस्पताल में नियमित बीएमओ भेजने, प्रयोगशाला परिचरों को बढ़ा हुआ ग्रेड-पे देने, योग्य कर्मचारियों को तय समय पर पदोन्नति देने,  एलडीआर टेस्ट को हर साल करवाने, रिक्त पदों को भरने, जनजातीय क्षेत्रों से तबादला के दौरान आने वाली दिक्कतों की समस्या को भी बैठक में विभिन्न खंडों के पदाधिकारियों ने उठाया। बैठक में महासंघ के आगामी चुनावों बारे भी मंथन किया गया। बैठक में महासचिव अजय जरयाल, वरिष्ठ उप प्रधान कश्मीर सिंह राणा, धर्म चंद ठाकुर, शैलेस राणा, मैहला ब्लॉक के महासचिव परिक्षित धवन व जिला प्रवक्ता अशोक टंडन मौजूद रहे।

चेहतों को सेवा विस्तार दे रही सरकार

महासंघ के प्रधान ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार भाई-भतीजावाद के तहत सेवा विस्तार दे रही है। जिन कुछेक कर्मचारियों की राजनीतिक पहुंच है, उन्हें 58 साल की आयु पर रिटारयरमेंट के बाद भी सेवा विस्तार दिया जा रहा है, जबकि बिना पहुंच वाले कई योग्य कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं मिल रहा है। महासंघ ने सरकार से आग्रह किया है कि समानता के नियम को ध्यान में रखते हुए सेवाविस्तार दिया जाए या रिटायरमेंट की आयु सीमा 60 साल की जाए, ताकि किसी कर्मचारी के साथ अन्याय न हो। अगर 58 साल रिटायरमेंट की आयु रहेगी, तो कुछ चेहतों को सेवा विस्तार न दिया जाए। अन्यथा महासंघ इस दोहरे रवैये को सहन नहीं करेगा।

पुरानी पेंशन बहाली को उठी मांग

महासंघ की बैठक में महासंघ के पदाधिकारियों ने पुरानी पेंशन पॉलिसी बहाल करने की मांग जोरदार तरीके से उठाई। महासंघ के जिला प्रवक्ता अशोक टंडन ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2003 के बाद से तैनात कर्मचारियों को सरकार पेंशन नहीं दे रही है। कर्मचारी को न्यू पेंशन स्कीम के तहत ठगा जा रहा है। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कश्मीर सिंह राणा ने कहा कि अगर 2003 के बाद से चुने गए मंत्रियों, विधायकों को पेंशन दी जा रही है, तो अपनी जिंदगी के बहुमूल्य दिन सरकारी कार्य में लगाने वाले एक आम कर्मचारी को सरकार क्यों पेंशन से वंचित कर रही है। महासंघ ने पुरानी पेंशन पालिसी बहाल करने की मांग की है।

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