अवैध कब्जे पर जवाब दे सरकार

By: May 31st, 2017 12:01 am

शिमला — प्रदेश हाई कोर्ट ने धर्मशाला में वन भूमि से कब्जा न हटाए जाने का कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने स्थानीय निवासी चरणदास द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाबतलब किया है। पत्र में आरोप लगाया गया है कि शिकायतकर्ता ने वर्ष 2007 में वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी कि किशोरी लाल ने वन भूमि पर पक्का मकान बनाया हुआ है, लेकिन अभी तक वन विभाग के अधिकारियों ने वन भूमि से कब्जा नहीं छुड़ाया है। अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मामले कि आगामी सुनवाई तक जवाबतलब किया है।

बाल मजदूरी नियमों पर कोर्ट सख्त

शिमला— बाल मजदूरी रोकने के नियमों पर राज्य सरकार की अनदेखी पर प्रदेश हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने एक दैनिक समाचार पत्र पर छपी खबर पर संज्ञान लिया है। खबर के अनुसार प्रदेश सरकार बाल मजदूरी समाप्त करने के लिए गंभीर नहीं है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने आठ माह का समय बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा संशोधित बाल श्रम (प्रतिबंध एवं नियमन) अधिनियम-2016 को लागू नहीं किया है। इसके अलावा बाल मजदूरी पर लगाम लगाने के लिए भी कोई ठोस योजना तैयार नहीं की गई है। अदालत ने प्रधान सचिव गृह सहित लेबर कमिश्नर शिमला और निदेशक बाल एवं वूमन डिपार्टमेंट को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई 13 जून को निर्धारित की गई है।

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