इंटरक्रापिंग पर प्रस्ताव दे हिमाचल

By: May 26th, 2017 12:01 am

मेडिसिनल प्लांट बोर्ड-फोरेस्ट डिपार्टमेंट की बैठक में सुझाव

शिमला  —  राज्य मेडिसिनल प्लांट बोर्ड एंड फोरेस्ट डिवेलपमेंट कारपोरेशन की रिव्यू बैठक गुरुवार को शिमला में आयोजित की गई। राष्ट्रीय स्तर की इस बैठक में केंद्रीय मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी शोमिता विश्वास, उपसलाहकार भारत सरकार आयुष मंत्रालय पदम, अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेद हिमाचल निशा सिंह, निदेशक आयुर्वेद विभाग आर के पुरुथी, ओएसडी आयुर्वेदा दिनेश शर्मा व मणिपुर, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर से भी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के दौरान जहां विभिन्न प्रदेशों में आयुर्वेद के तहत औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा हुई, वहीं चुनौतियों पर भी गहनता से विचार किया गया। बैठक के दौरान केंद्रीय बोर्ड की ओर से प्रदेश में इंटर क्रॉपिंग पर भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। यह प्रस्ताव किसानों को औषधीय खेती की ओर से आकर्षित करने के लिए कहा गया है। इसमें दूसरी फसलों के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। हिमाचल में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां हैं, लेकिन उनका दोहन सही रूप में नहीं हो रहा। हिमाचल के जिलों में आंवला, कूट, तूश समेत कई प्रकार के औषधीय उत्पाद हैं और इनके उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत है। निशा सिंह ने कहा कि मेडिसिनल प्लांट बोर्ड का दायित्व है कि वह औषधीय उत्पादों को बढ़ावा दे, जिससे आयुर्वेद से जुड़े कारोबारियों की मांग भी पूरी हो सके और इससे किसानों को भी आर्थिक लाभ होगा। कुछ राज्य इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे हैं और इन राज्यों से सीखने की जरूरत है।

मार्केटिंग यार्ड नहीं, सबसे बड़ी समस्या

एसीएस (आयुर्वेद) निशा सिंह ने कहा कि आयुर्वेद की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है, लेकिन औषधीय उत्पादों के लिए मार्केटिंग यार्ड न होना सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में आयुर्वेद से जुड़े लोगों को मदद करने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। इस कार्य में मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की जिम्मेदारी अहम है।

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