कम्प्यूटर से जुडे़ सहकारिता विभाग

By: May 28th, 2017 12:02 am

देहरादून में मुख्यमंत्री श्री रावत ने बैठक के दौरान की समीक्षा

देहरादून — सहकारिता विभाग क्लस्टर आधारित ऋण नीति अपनाए। सब्जी, फल, दूध, मशरूम, एरोमैटिक प्लांट्स आदि के लिए गांवों के क्लस्टर विकसित किए जाएं। शनिवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए प्रदेश की सभी 759 प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के कम्प्यूटीकरण के निर्देश दिए। इसके साथ ही सभी जिला सहकारी बैंकों को सीबीएस प्रणाली के अंतर्गत आपस में जोड़ने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएं। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विभागीय अधिकारियों से जानकारी मांगी कि अभी तक उनके द्वारा दिए गए ऋ णों से किसानों ने क्या लाभ उठाया है। सचिव सहकारिता आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रदेश में 10 जिला सहकारी बैंक, पांच केंद्रीय उपभोक्ता भंडार, सात जिला सहकारी संघ, 83 जिला सहकारी विकास संघ लिमिटेड सहित कुल 115 केंद्रीय सहकारी संस्थाए हैं। इसी प्रकार 759 प्राथमिक कृषि ऋ ण सहकारी समितियों, पैक्स सहित 3054 प्राथमिक सहकारी समितियां हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में अब तक 5135 लाख का अल्पकालीन ऋण व 55 लाख के मध्यकालिन ऋण के साथ ही 1230 मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किया गया है। इसी अवधि में 6015 लाख रुपए के सहकारी ऋ ण की वसूली की गई है। सहकारी सहभागिता योजना में प्रदेश के कृषकों को ब्याज राहत स्वरूप 862.31 लाख की धनराशि आंबटित की गई है। सहकारी बैंकों द्वारा अपने 68 एटीएम स्थापित किए गए हैं व 1,20000 कृषकों को रूपे डेबिट कार्ड वितरित किए गए हैं। बैठक में सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. धनसिंह रावत व विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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