कहां बहाल हुई कांगड़ा चाय की प्रतिष्ठा

By: May 18th, 2017 12:01 am

पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. धूमल ने प्रदेश सरकार से पूछा सवाल

शिमला —  गत विधानसभा चुनावों से पूर्व कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि कांगड़ा चाय की प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए संपूर्ण चाय नवीनीकरण परियोजना शुरू की जाएगी। चार वर्षों के इस कार्यकाल में कांगड़ा चाय उद्योग का पुनरउत्थान तो दूर, प्रदेश कांग्रेस सरकार हेरिटेज कांगड़ा चाय का अस्तित्व ही खत्म करने पर तुल गई है। ये शब्द नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहे। उन्होंने कहा कि इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश सिलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट, 1972 में संशोधन का एक प्रस्ताव कैबिनेट में ला रही है। इसके मुताबिक अब प्रदेश में चाय के बागीचों को बेचा जा सकेगा। कांगड़ा चाय के अस्तित्व व भोले भाले बागबानों को बाहरी लोगों से संरक्षण देने की दृष्टि से बनाए गए कानून में संशोधन सरकार की नीयत पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है। भू-माफियाओं और बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा हेरिटेज कांगड़ा चाय के अस्तित्व को ही खत्म करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दृष्टि से राजस्व नियम इस प्रकार बनाए गए थे कि कोई भी बाहरी व्यक्ति प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह करके उनकी जमीनें न हथिया सके, परंतु कांग्रेस सरकारों ने समय-समय पर राजस्व नियमों विशेषकर धारा 118 में बार-बार (पांच बार से अधिक) संशोधन किए, जिससे कि चंद लोगों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा सके। भाजपा कांग्रेस सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध करेगी और भविष्य में इस तरह के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

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