क्रशर के लिए ग्राम सभा की मंजूरी जरूरी

By: May 9th, 2017 12:01 am

खनन पट्टों के लिए भी नियमों में फेरबदल, एससी एरिया में ग्राम पंचायतों को अधिकार

शिमला —  प्रदेश सरकार ने राज्य में खनन पट्टे प्रदान करने और क्रशर लगाने के नियमों में संशोधन किया है। इसमें जहां ग्राम सभाओं को शक्तियां प्रदान की गई हैं, वहीं लोक महत्त्व की परियोजनाओं के लिए मंजूरियों को गैर जरूर बनाया गया है। सोमवार को नियमों में संशोधन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में अवैध खनन रोकने और खनन पट्टों को नियमों के तहत आबंटित करने के लिए सरकार ने पिछले साल नियमों का पुलिंदा तैयार किया था। इसमें कुछ दिक्कतों के चलते संशोधन किया गया है, जिसे लागू भी कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार नगर निगम, नगर पालिका या नगर पंचायत के पूर्व अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना इनकी सीमाओं के दो व एक किलोमीटर की दूरी पर कोई भी खनन पट्टा या क्रशर नहीं लगाया जा सकेगा। नगर निगम, नगर पालिका के लिए यह दूरी दो किलोमीटर व नगर पंचायत की बाहरी सीमा से एक किलोमीटर की दूरी रखी गई है। यहां किसी को भी मंजूरी नहीं दी जाएगी। अनुसूचित क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को संबद्ध ग्राम सभा के पूर्व परामर्श और संस्तुति के बिना कोई खनन पट्टा प्रदान नहीं किया जाएगा और न ही स्टोन क्रशर लगाने की आज्ञा दी जाएगी। राष्ट्रीय और लोक महत्त्व की परियोजनाओं जैसे जल विद्युत परियोजनाओं और सुरंग आदि के प्रयोजन के लिए स्टोन क्रशर इकाई लगाने की दशा में संबद्ध ग्राम सभा का परामर्श और संस्तुति जरूरी नहीं होगी। अनुसूचित क्षेत्र से अलग दूसरे क्षेत्रों में खनन पट्टा प्रदान करने और स्टोन क्रशर लगाने की मंजूरी के लिए संबंधित ग्राम पंचायत से परामर्श किया जाएगा और यह ग्राम पंचायत के लिए आवश्यक होगा कि वह तीन महीने के भीतर अनुमोदन करे या फिर उसे अस्वीकृत कर दे। ऐसा नहीं होने पर यह समझा जाएगा कि ग्राम पंचायत को कोई आपत्ति नहीं है। उनके द्वारा अस्वीकृति लिखित कारणों के साथ देनी होगी, जिसके बाद उन कारणों की जांच भी करवाई जाएगी। पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्र वाली निजी भूमि में ईंट मिट्टी और सामान्य भूमि की मिट्टी के खनन पट्टे को प्रदान करने के लिए संबद्ध ग्राम पंचायत का परामर्श और अनुमोदन जरूरी नहीं होगा।

…तो जारी होंगे नोटिस

पहाड़ी ढलान में स्टोन क्रशर के लिए खनन पट्टा प्रदान करने हेतु अपेक्षित न्यूनतम क्षेत्र 0.5 हेक्टेयर से कम नहीं होगा। दिए गए खनन पट्टों में उनके नवीकरण के समय पर खनन पट्टा क्षेत्र का निर्बधन लागू नहीं होगा, परंतु प्रस्तावित उत्पादन स्तर भू-विज्ञान संबंधी या स्थलाकृतिक परिस्थितियों के आधार पर सरकार संतुष्ट हो तो क्षेत्र की शर्त में छूट दी जा सकती है। क्रशर के लिए गौण खनिज की वैद्य व नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खनिज रियायत आवश्यक होगी, वहीं खनन रियायत का क्षेत्र स्टोन क्रशर की पांच किलोमीटर की परिधि के भीतर होगा। इन नियमों को पूरा नहीं करने वालों को नोटिस जारी होंगे।

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