खुलने लगे सरकारी शराब ठेके
तीन जिलों में अब तक खुलीं शराब की 67 दुकानें, कर्मियों की नियुक्ति भी शुरू
शिमला— प्रदेश के तीन जिलों ऊना, चंबा, किन्नौर में शराब की सरकारी दुकानें खुलनी शुरू हो गई हैं। इन जिलों में बिवरेज कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा 67 दुकानें खोली जा चुकी हैं और उसका टारगेट करीब 200 दुकानें खोलने का है। इसके लिए बिवरेज लिमिटेड ने आउटसोर्सिंग के जरिए कर्मचारियों की नियुक्तियां करनी शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार बिवरेज लिमिटेड द्वारा सरकारी दुकानें खोले जाने को लेकर सरकार ने जानकारी मांगी है, जिसमें कारपोरेशन से पूछा गया है कि वह इस काम में फिलहाल कितना सफल हुआ है। अभी तक कारपोरेशन के पास पिछले साल की आमदनी के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन उसका मानना है कि जिस उद्देश्य से सरकार ने इस कारपोरेशन का गठन किया था, वह पूरा हुआ है। शुरुआत में इसे अभी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है, क्योंकि शराब की बिक्री में उसे कुछ दिक्कतें पेश आ रही हैं। इसके लिए उसके पास पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध नहीं है। इन परिस्थितियों में निगम को तेजी से इस आधारभूत ढांचे की भरपाई की जरूरत है। ऊना में 22, चंबा में 48 तथा किन्नौर में सात शराब की सरकारी दुकानें खोली गई हैं। यहां एक दुकान पर दो कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इन दुकानों पर शराब के विभिन्न ब्रांड की सप्लाई भी की जा रही है, लेकिन स्टाक पूरा नहीं हो पाया है। निगम करीब 200 दुकानें खोलेगा और इसके बाद सरकार को छह महीने की आमदनी के आंकड़े भेजे जाएंगे।
फिर भी अच्छे मुनाफे की उम्मीद
वैसे देरी से खुल रही दुकानों के कारण उसे पूरे साल में उतनी अधिक आमदनी नहीं होगी, लेकिन फिर भी उसे अच्छा खासा मुनाफा होने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार का यह प्रयोग सफल रहता है तो अन्य जिलों में भी शराब बिक्री को सरकारी दुकानें खोल दी जाएंगी। आबकारी निगम सरकार की आर्थिकी बढ़ाने के लिए नया माध्यम बन सकता है, जिसकी योजनाएं कितनी सफल रहती हैं, यह देखना होगा। आउटसोर्सिंग के जरिए यहां 400 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती होगी, जिसमें से 150 के करीब कर्मचारियों की नियुक्तियां कर दी गई हैं। बिक्री की पक्की रसीद देने की व्यवस्था भी यहां कर दी गई है।
रेट कम नहीं
शिमला — शराब विक्रेताओं के लिए आबकारी कराधान विभाग ने मिनिमम सेल प्राइज दोबारा संशोधित किया है। ठेकेदार इस मिनिमम सेल प्राइज से 30 फीसदी ज्यादा रेट ले सकते हैं और इस संबंध में आबकारी मंत्री ने निर्देश भी जारी किए हैं। फिर भी प्रदेश में शराब के मूल्यों में कमी नहीं हो रही। इसकी शिकायत का भी अब विभाग ने कोई प्रावधान नहीं रखा है, लिहाजा शराब ठेकेदार सरकारी नियम लगातार तोड़ रहे हैं। शराब के सभी ब्रांड का मिनिमम सेल प्राइज संशोधित करके विक्रेताओं को भेज दिया गया है। पहले शराब की बोतल पर मैक्सिमम सेल प्राइज तय होता था, जो कि अब नहीं है।
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