छात्रों को मिलेगी करियर गाइडेंस
स्कूलों में ही काउंसिलिंग सुविधा, शिक्षक बताएंगे क्या कोर्स उनके लिए बेहतर
शिमला — प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ उनका भविष्य संवारने का काम भी होगा। छात्र दसवीं और जमा दो के बाद किस कोर्स में प्रवेश लें और किस तरह की शिक्षा ग्रहण करें, इसे लेकर छात्रों को करियर गाइडेंस स्कूल में ही प्राप्त होगी। छात्रों को यह गाइडेंस स्कूल के शिक्षकों द्वारा ही दी जाएगी। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में छात्रों को उनके करियर की सही रूपरेखा तैयार करने और छात्रों को सही मार्ग दर्शन देने के लिए करियर काउंसिलिंग योजना शुरू की है। इस सत्र से सभी स्कूलों को ये निर्देश विभाग की ओर से दिए गए हैं कि स्कूल शिक्षक छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ उनके बेहतर करियर के लिए भी छात्रों की काउंसिलिंग करें। शिक्षक बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार विषय और करियर चुनने में मदद करेंगे। प्रदेश में सरकारी स्कूलों के छात्रों को निजी स्कूलों के बच्चों की तरह उनके करियर को लेकर मार्ग दर्शन नहीं मिल पाता है। इसमें मेडिकल क्षेत्र में एमबीबीएस, बीएएमएस, बीडीएस सहित इंजीनियरिंग से जुड़े क्षेत्रों, कॉमर्स विषय में बैंकिंग सेक्टर के साथ-साथ सीए-मैनेजमेंट से जुड़े क्षेत्रों और इसी के साथ आर्ट्स विषय में प्रशासनिक सेवाओं के साथ-साथ छात्रों के पास किस क्षेत्र में बेहतर विकल्प हैं, यह सारी जानकारी करियर काउंसिलिंग की मदद से छात्रों को मिल पाएगी। स्कूलों में नौवीं कक्षा के बाद ही छात्रों के लिए यह करियर काउंसिलिंग शुरू कर दी जाएगी।
शिक्षकों को एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स
स्कूल में बच्चों को करियर गाइडेंस देने की जिम्मेदारी विभाग की ओर से प्रोफेशनल काउंसर को न देकर स्कूल में तैनात शिक्षकों को ही दी जा रही है। विभाग शिक्षकों को करियर गाइडेंस और काउंसिलिंग का एक वर्ष का डिप्लोमा कोर्स करवाने के बारे में भी विचार कर रहा है।
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