जरा संभलकर ! सेटरडे-संडे हादसों के दिन

By: May 11th, 2017 12:05 am

कुल्लू —  प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हादसे रोकने के लिए अभी तक हल नहीं ढूंढा गया है। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर बार-बार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। जीवीके ईएमआरआई 108 नेशनल एंबुलेंस सर्विस के सर्वे में ऐसे कई स्पॉट का खुलासा हुआ है। सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सबसे ज्यादा डे वाइज हादसों की एवरेज शनिवार और रविवार को रहती है। रविवार 27, सोमवार 25, मंगलवार 20, बुधवार 21, गुरुवार 22, शुक्रवार 23 और शनिवार को 25 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। वहीं प्रदेश में 682 ऐसे स्थान हैं, जहां सड़क हादसे होते हैं और 239 ऐसे स्थान जहां बार-बार सड़क हादसे होते हैं। यही नहीं इस रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि सड़क हादसों का मुख्य कारण क्या है, उन्हें कैसे रोका जा सकता है, सड़क हादसों का समय, सप्ताह के कौन से दिन सबसे अधिक हादसे होते हैं। बता दें कि प्रदेश की युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार हो रही है। जीवीके ईएमआरआई के सर्वे रिपोर्ट के मुताबक दिसंबर 2010 से अप्रैल 2017 तक 49430 लोग सड़क हादसों का शिकार हो गए हैं। प्रदेश का कांगड़ा जिला नंबर वन पर है। वहीं वर्ष 2017 के बीते चार महीनों की बात की जाए तो 2811 लोग सड़क हादसों के शिकार हुए हैं।

इतने युवा सड़क हादसे का शिकार

प्रदेश में युवा पीढ़ी सड़क हादसों का सबसे ज्यादा शिकार हो रही है। कांगड़ा में 3537, ऊना 2444, सोलन 3115, शिमला 2367, मंडी 1936, सिरमौर 1925, हमीरपुर 1267, बिलासपुर 1411, कुल्लू 816, चंबा 689, किन्नौर 122 और लाहुल-स्पीति में 92 युवा सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए हैं।

साढे़ छह वर्षों में इतने सड़क हादसे हुए

दिसंबर 2010 से लेकर अपै्रल 2017 तक लगभग साढे़ छह वर्षों में कुल 49430 सड़क हादसे हुए, जिसमें कांगड़ा में 9205, ऊना 6781, सोलन 6823, शिमला 5645, मंडी 5094, सिरमौर 4658, हमीरपुर 3575, बिलासपुर 3521, कुल्लू 1841, चंबा 1746, किन्नौर 281, लाहुल-स्पीति में 214 सड़क हादसे हुए।

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