जिला कुल्लू के मरीजों को मार रहा स्वास्थ्य विभाग

By: May 3rd, 2017 12:07 am

क्षेत्रीय अस्पताल सहित पांच चिकित्सा केंद्रों में हालत खराब, सरकार के बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के दावे हवाई

newsकुल्लू – प्रदेश में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे सरकार बार-बार कर रही है, लेकिन धरातल पर देखें तो ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। मरीज उपचार के लिए भटक रहे हैं। सूबे के जिला कुल्लू की ही बात करें तो यहां के क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू सहित अन्य स्वास्थ्य चिकित्सा  केंद्रों की हालत बिना डाक्टरों के  लगातार नाजुक हो रही है। पीएचसी और सीएचसी में स्वीकृति अनुसार डाक्टर ही तैनात नहीं है। बता दें कि डाक्टरों की सबसे ज्यादा कमी क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में खल रही है। यहां पर हर दिन 1000 के मरीज उपचार को आते हैं और 300 के करीब मरीज उपचाराधीन हैं। अस्पतालों को डाक्टरों की भारी कमी खल रही है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के नग्गर ब्लॉक, बंजार, जरी, निरमंड और आनी ब्लॉक के अंतर्गत आती सीएचसी, पीएचसी और सव सेंटरों में भी डाक्टरों सहित फार्मासिस्टों के पद खाली चल रहे हैं।

इतने पद स्वीकृत

जिला अस्पताल कुल्लू में डाक्टरों के 37 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 23 डाक्टर तैनात हैं, जबकि 14 डाक्टरों के पद काफी लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं। स्वीकृति अनुसार डाक्टर नहीं होने से जिला अस्पताल कुल्लू में मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिला में 23 के करीब डाक्टरों की कमी

जिला कुल्लू में 23 से अधिक डाक्टरों की कमी चल रही है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू से सबसे ज्यादा 14 डाक्टरों की कमी मौजूदा समय में चल रही है। यह कमी का समाधान सरकार द्वारा पिछले लंबे अरसे से नहीं हो पा रहा है।

क्षेत्रीय अस्पताल की यह हालत

प्रदेश के चार जिलों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में डाक्टरों की कमी खल रही है। सरकार ने भवन तो आलीशान बना दिया है, लेकिन यहां पर मरीजों को डाक्टर नहीं मिलने हालत खराब हो गए हैं। डाक्टरों का यहां से तबादला किया जा रहा है। वहीं, तैनात डाक्टर भी कोर्ट एवीडेंस पर रहते हैं। लिहाजा मरीज बेहाल हैं।

इतने डाक्टरों का हुआ तबादला

बता दें कि हाल ही में तीन-चार विशेषज्ञ डाक्टरों का तबादला हो गया है, जो प्रदेश के अस्पतालों तथा पीजीआई में सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, अस्पताल से दो डाक्टर एसआर शिप के लिए गए हुए हैं। इनके जाने से और ज्यादा दिक्कत आ गई है।

दिन में एक हजार मरीज आते हैं उपचार को

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में लगभग एक हजार मरीज उपचार को आते हैं। आपीडी में डाक्टर नहीं मिलने से सैकड़ों मरीजों को बिना उपचार या तो घर लौटना पड़ता है या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। सोमवार और मंगलवार को एक हजार के लगभग और अन्य दिनों में छह-सात सौ के करीब मरीज उपचार के लिए आते हैं।

यहां इतने डाक्टरों की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग के नग्गर ब्लॉक सीएचसी और पीएचसी में दो डाक्टर, चार फार्मासिस्ट की कमी चल रही है। वहीं, निरमंड में एक बीएमओ, दो डाक्टर, तीन एमओ और चार फार्मासिस्ट के पद रिक्त चल रहे हैं। जरी ब्लॉक सीएचसी, पीएचसी, हेल्थ सेंटरों में एक डाक्टर, लैब तकनीशियन दो और फार्मासिस्ट का एक पद रिक्त चल रहा है। वहीं, बंजार ब्लॉक के अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, सबसेंटरों में  तीन से ज्यादा डाक्टर और फार्मासिस्ट सहित अन्य कई कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहे हैं। वहीं, आनी ब्लॉक के तहत आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों में भी डाक्टरों सहित फार्मासिस्टों की कम चल रही है।

इनका हुआ है तबादला

जिला अस्पताल से डा. कल्याण, डा. लोकेश, डा. सलारिया सहित अन्य एक और डाक्टर का तबादला हुआ है। यह सभी विशेषज्ञ डाक्टर थे।

कुछ सालों पहले डाक्टरों ने छोड़ी है नौकरी

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में कुछ वर्षों पहले चार से ज्यादा डाक्टर सरकारी नौकरी छोड़कर चले गए हैं। डाक्टर निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं।

पर्ची के बाद घंटों करना पड़ता है  इंतजार

अस्पताल में डाक्टर कम होने के चलते मरीजों को कई बार पर्ची बनाने के बाद घंटों इंतजार करना पड़ता है।

तैनात डाक्टरों पर पड़ रहा बोझ

अस्पताल कुल्लू में तैनात डाक्टरों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। कई डाक्टरों को ओपीडी के साथ-साथ उपचाराधीन मरीजों की देखभाल करनी पड़ती है। यही नहीं विशेषज्ञ की जगह एमबीबीएस डाक्टर भी सेवाएं दे रहे हैं।

आर्थो विशेषज्ञ ही नहीं

अस्पताल कुल्लू में आर्थाे विशेष ही नहीं है। ऐसे में हड्डी के मरीजों का अस्पताल में उपचार नहीं हो रहा है। डेढ़-दो महीने से पद खाली चल रहे हैं। मरीजों को रेफर किया जा रहा है। एक स्किन डाक्टर की जरूरत है।

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