डायरी लिखने के फरमान मंजूर नहीं

By: May 31st, 2017 12:01 am

स्कूल प्रवक्ता संघ ने जताया विरोध, नियमों के तहत हो रही पढ़ाई

बिलासपुर, शिमला —  हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने कुछ स्कूलों में प्रधानाचार्य द्वारा प्रवक्ताओं को टीचर डायरी लिखने के मामले का कड़ा संज्ञान लिया है। संघ का कहना है कि कुछ स्कूलों में प्रधानाचार्य प्रवक्ताओं को अनावश्यक रूप से प्रताडि़त करने के लिए डायरी लिखने के बाध्य कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार, चेयरमैन हरि शर्मा, कार्यकारी  अध्यक्ष विनोद बनयाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश सैणी, महासचिव सुरेंद्र सकलानी, बीडी कश्यप, प्रेम शर्मा, संगठन संघर्ष समिति प्रधान बाबू राम शर्मा, जिला प्रधान सोलन डा. प्रदीप शर्मा, सिरमौर के प्रधान रमेश नेगी, बिलासपुर के प्रधान परमजीत, ऊना के प्रधान विकास रतन, कांगड़ा के प्रधान विजय शर्मा, चंबा के प्रधान दीप सिंह खन्ना, कुल्लू के प्रधान राजपाल ठाकुर, सचिव डा. अक्षत, सहसचिव रतन गुप्ता, वेब सचिव रामलाल शर्मा, उपप्रधान केदार रांटा, ज्ञान चौहान, नरेश भारद्वाज, राजेंद्र शर्मा, युगल किशोर, यश पाल शर्मा, गुरवचन सिंह, केसी शर्मा, नीरज राज, देवेंद्र वर्मा व प्रताप चंद इसका कड़ा विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष डा. अश्वनी कुमार ने बताया कि  वर्ष 1986 में जमा दो प्रणाली को लागू किया गया था, जिस प्रकार की लेक्चर व्यवस्था उससे पहले कालेजों में थी, उसी प्रकार की व्यवस्था को जमा दो प्रणाली के तहत जमा एक तथा दो कक्षाओं के लिए भी लागू किया गया। उन्होंने बताया कि इस वर्गीकरण  के आधार पर ही नियमों के तहत प्रवक्ताओं को पाठ्यक्रम पूरा पढ़ाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि कुछ प्रधानाचार्य एनसीईआरटी के नियमों के विपरीत पढ़ाने की बात  कर प्रवक्ताओं को डायरी बनाने के लिए बाध्य कर रहे हैं। ऐसे में इन प्रधानाचार्य पर अनुशासनात्मक  कार्रवाई होनी चहिए, जो कि नियमों के विपरीत बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही कई मामलों में इंस्पेक्शन विंग भी शामिल है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि 1986 से लेकर आज तक एनसीईआरटी के नियमों के तहत ही प्रवक्ता काम कर रहे हैं और इसी व्यवस्था के अधीन स्कूलों में बढिय़ा परिणाम दे रहे हैं। इस वर्ष जमा दो कि बोर्ड परीक्षाओं मे सरकारी स्कूलो के 22 बच्चे मैरिट में थे, जिनमें छह वाणिज्य, पांच साइंस और 11 मैरिट आट्र्स में थीं। उन्होंने ऐसे प्रधानाचार्य को चेताया है कि अगर उनके द्वारा ऐसे ही प्रवक्ताओं को प्रताडि़त  करने कि कोशिश कि गई तो संघ धरना-प्रदर्शन करने में भी गुरेज नहीं करेगा।

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