डेढ़ साल से ‘खेलो भारत’ पर रोक

By: May 31st, 2017 12:01 am

प्रदेश में ग्रामीण स्तर पर सिरे नहीं चढ़ा खेल विभाग का अभियान

मंडी —  प्रदेश में युवा सेवाएं एवं खेल विभाग की खेलों में डेढ़ वर्ष से विराम लग गया है, जिसके चलते प्रदेश महिला व पुरुष वर्ग के सैकड़ों खिलाडिय़ों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। आलम यह है कि डेढ़ वर्ष में अभी तक विभाग की खंड, जिला व राज्य स्तरीय कोई भी स्पर्धाएं ग्रामीण खिलाडिय़ों के लिए आयोजित नहीं हो पाई हैं। इससे पूर्व पाइका और राजीव गांधी खेल अभियान के तहत ग्रामीण स्तर की खेलें आयोजित की जाती थीं, लेकिन वर्ष 2016 के दौरान विभाग की नई योजना ‘खेलो भारत’ सिरे नहीं चढ़ पाई है। जिस कारण योजना के तहत प्रदेश में कोई भी स्पर्धा आयोजित नहीं की गई है। इससे प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हो रहे हैं। प्रदेश के उदयीमान खिलाड़ी प्रतिभा नहीं दिखा पा रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2016-17 व 2017-18 में करीब डेढ़ वर्ष तक युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के माध्यम से खेल गतिविधियां नहीं करवाई गई हैं। प्रदेश के खिलाड़ी अपने दम पर राष्ट्र व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार व खेल विभाग खिलाडिय़ों को प्लेटफार्म मुहैया नहीं करवा पाए हैं, जबकि केंद्र सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया नामक कार्यक्रम चला रखा है, लेकिन प्रदेश में खेलों को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही। स्पर्धा का आयोजन न करने पर खिलाडिय़ों को मलाल है। इस बारे में युवा सेवा एवं खेल विभाग शिमला के निदेशक अमरजीत का कहना है कि युवा सेवा एवं खेल विभाग के पास खेल गतिविधियों के आयोजन को लेकर अभी तक कोई आगामी योजना नहीं बनी है। योजना तैयार होते ही स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा।

पोर्टमोर स्कूल में संस्कार समारोह

शिमला — लड़कियां देश की शान हैं, जिन्होंने स्वयं सफलता का मार्ग हासिल किया है। उन्हें सम्मानित जीवन जीने के अधिकार के अलावा पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए। यह बात राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मंगलवार को पोर्टमोर स्कूल शिमला में संस्कार समारोह के अवसर पर कही। उन्होंने छात्रों से देश की समृद्धि और परंपरा बनाए रखने का आह्वान किया।

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