तुर्की को यूरोप की सीढ़ी के तौर पर देखें भारतीय कंपनियां

By: May 3rd, 2017 12:04 am

नई दिल्ली— तुर्की के विदेश आर्थिक संबंध बोर्ड (डीईआईके) का मानना है कि भारतीय कंपनियां तुर्की में निवेश कर यूरोपीय बाजार तक आसानी से पहुंच बना सकती हैं। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के साथ भारत यात्रा पर आए डीईआईके के अध्यक्ष ओमर चिहाद वर्दन ने एक विशेष बातचीत में कहा कि हमें दोनों देशों में आपसी निवेश बढ़ाना है। भारतीय कंपनियों को तुर्की को यूरोप की सीढ़ी के तौर पर देखना चाहिए। भारत से सीधे यूरोप को निर्यात करने में कभी-कभार दिक्कतें आ सकती हैं, क्योंकि यूरोप के साथ हमारा कस्टम यूनियन है, तुर्की में स्थित कंपनियों के लिए वहां विनिर्माण कर यूरोप को निर्यात करना काफी आसान होगा। इस प्रकार तुर्की भारतीय कंपनियों के लिए यूरोप का रास्ता साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि तुर्की को सिर्फ एकल बाजार के रूप में नहीं देखना चाहिए। निवेशक कंपनियों को इसके आसपास के बाजार में भी अवसर तलाशने चाहिए, विशेषकर यूरोप में। श्री वर्दन ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए ऑटोमोटिव उद्योग, कपड़ा उद्योग, दवा क्षेत्र, कृषि क्षेत्र तथा निर्माण क्षेत्र में काफी अवसर हैं। निवेश के माहौल के बारे में उन्होंने कहा हमारी सरकार की ओर से कई प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में यदि निवेश के माहौल में कोई बदलाव आया है तो वह सकारात्मक बदलाव है।

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