दुश्मन को जवाब देने के लिए न लेनी पड़े परमिशन

By: May 12th, 2017 12:05 am

हमीरपुर  —  बॉर्डर से जब भी गोलीबारी की खबर आती है, मन में कई सवाल उठ खड़े होते हैं। लगता है कि कोई अपना ही दुश्मनों के चंगुल में है। जब तक शांति बहाल होने की सूचना नहीं मिल जाती, दिल को सकून नहीं मिलता। एक छोटे से देश पाकिस्तान ने हमारे देश की नींद हराम कर दी है। पता नहीं, सरकारें इस देश पर इतनी हमदर्दी क्यों जताती हैं। हालांकि हर बार पाकिस्तान ने हमारे सैनिकों के साथ बर्बरता दिखाई है। कई सैनिकों के सिर कमल कर पाकिस्तान ने हमेशा दुश्मनी की आग को और भड़काने का काम किया है, जबकि भारत हमेशा शांति-शांति का राग अलापता रहा है। अब वक्त आ गया है कि दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। शांति के चक्कर में कई माताओं ने अपने बेटे, बहनों ने भाई तो कई महिलाओं ने अपने सुहाग खोए हैं। कई दुधमुहे बच्चों से बाप का साया उठ गया है। सैनिकों की रक्षा की जिम्मेदारी भी सरकार की है। तिरंगे में लिपटकर आने वाले अमर शहीद कहलाते हैं, लेकिन दुश्मन को उसकी भाषा में जवाब न मिलना भी सही नहीं है। यह बात बारीं के सेवानिवृत्त सूबेदार हंसराज ने कही। हंसराज सात मैकेनाइज (डोगरा) में सेवाएं दे चुके हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान की जनसंख्या से ज्यादा तो भारत के सैनिक हैं। अगर एक बार अटैक के आदेश मिल जाए तो चंद घंटों में इस आतंकी देश का नामोनिशान मिट जाएगा। बस आर्डर का ही इंतजार सेना करती है। उनका कहना है कि आपातकालीन स्थिति में सेना को अटैक के लिए किसी प्रकार की परमिशन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। दुश्मन को ऑनस्पॉट ही ढेर कर देना चाहिए। इससे जहां देशवासियों की बेहतर सुरक्षा होगी, वहीं दुशमन के दिलों में सेना का खौफ पैदा होगा। उनका कहा है कि सेना हर क्षेत्र में सक्षम है। बात लड़ाई की हो या फिर किसी भी प्रकार की आपदा की, सेना ने हर क्षेत्र में अपना फर्ज अदा कर देशवासियों की रक्षा की है। उनका कहना है कि आपातकालीन स्थिति में सेना को फ्री हैंड कर देना चाहिए। सरकार से ऑर्डर मिलने केे इंतजार में कई सैनिक प्राणों से हाथ धो बैठते हैं। अगर आपातकालीन स्थिति में सेना फ्री हैंड होगी, तो दुश्मन को मौके पर ही जवाब मिल जाएगा। उनका कहना है कि उन्होंने ऑन ड्यूटी सेना के कई आपरेशनों में भाग लिया है। सेना की शक्ति का अंदाजा भी दुश्मन देश को नहीं है।

यह उम्मीद है सरकार से

सरकार अगर चाहे तो इस देश का भी दुश्मन नहीं बचेगा। उनका कहना है कि अब समय आ गया है। इस दुश्मन देश को इसी की भाषा में जवाब देना होगा। हंसराज का कहना है कि कई परिजन सेना में शहीद हो रहे सैनिकों के देखते हुए अपने बच्चों को सेना में नहीं जाने देते। हालांकि देश की सेवा में प्राणों का बलिदान देना, यानी अमर होना है। देश की सेवा का जज्बा हर युवा में होना चाहिए।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App