देहरादून की कंपनी को पौने दो लाख जुर्माना

By: May 7th, 2017 12:01 am

हमीरपुर — देहरादून की गुप्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। कंपनी ने हमीरपुर के जोलसप्पड़ के समीप कैंचीमोड़ पर अवैध मिक्चर प्लांट स्थापित किया था। वन भूमि में लगाए इस प्लांट के विरुद्ध वन विभाग ने कंपनी को एक लाख 67 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका है। वन भूमि को क्षतिग्रस्त करने पर 30 हजार रुपए प्लांटेशन के लिए गए हैं। इसके बाद कंपनी का मिक्चर प्लांट भी हटा दिया है। इसके अलावा नेशनल हाई-वे ने भी इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। कंपनी नादौन-हमीरपुर हाई-वे के सुधार का निर्माण कार्य कर रही थी। काम में देरी करने पर कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया गया है। वन विभाग ने फोरेस्ट लैंड पर इन्क्रोचमेंट के लिए कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की गाज गिराई है। बताते चलें कि नादौन मार्ग पर जोलसप्पड़ में सड़क किनारे वन विभाग की अनुमति के बिना कोलतार मिक्चर प्लांट स्थापित किया गया था। इसकी भनक लगने पर वन विभाग ने प्लांट को कब्जे में लिया था। विभाग ने 30 दिन के भीतर कंपनी को जुर्माना भरने का नोटिस जारी किया था। राशि न भरने पर इस प्लांट को वन विभाग अब नीलाम कर सकता है। जाहिर है कि नेशनल हाई-वे नादौन-हमीरपुर स्थित जोलसप्पड़ में कंपनी ने सड़क की टायरिंग के लिए प्लांट लगाया था। इस प्लांट को बिना अनुमति के वन भूमि पर स्थापित कर दिया गया था।   अधिकारिक सूत्रों के अनुसार गुप्ता कंस्ट्रक्शन कंपनी को तीन साल पहले नादौन-हमीरपुर नेशनल हाई-वे के विस्तारीकरण का कार्य सौंपा गया था। इसमें नेशनल हाई-वे की टायरिंग का काम भी शामिल था। कंपनी ने अपने प्रभाव में जोलसप्पड़ के तीखे मोड़ के साथ हरे-भरे पेड़ों के बीच ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर दिया। वन विभाग तथा प्रशासन की नाक तले तीन साल पहले स्थापित हुए इस अवैध ट्रीटमेंट प्लांट की भनक मेडिकल कालेज के कारण लगी। इसी स्थान पर हिमाचल सरकार ने हमीरपुर मेडिकल कालेज के लिए भूमि चिन्हित की है। लिहाजा इस भूखंड की पैमाइश के लिए पहुंची राजस्व विभाग की टीम ने कंपनी के ट्रीटमेंट प्लांट पर सवाल उठाए थे। मेडिकल कालेज की जद में आ रहे पेड़ों की गणना कर रहे वन विभाग के अफसरों को यह ट्रीटमेंट प्लांट अखर गया। पड़ताल करने पर पता चला कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तीन साल पहले वन संपदा को नष्ट कर यहां प्लांट स्थापित कर दिया था। अलबत्ता इसकी भनक लगते ही वन विभाग ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर सारी मशीनरी जब्त कर ली थी। कंपनी के विरुद्ध नेशनल हाई-वे अथारिटी ने भी कड़ा संज्ञान लिया था। कंपनी को नेशनल हाई-वे ने 65 लाख का जुर्माना ठोका था। इस कंपनी ने निर्धारित समय पर निर्माण कार्य नहीं किया था।डीएफओ हमीरपुर आरसी गोमा ने खबर की पुष्टि की है।

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