नए क्षेत्रों में फैक्टरी के लिए सस्ती मिलेगी जमीन

By: May 8th, 2017 12:07 am

newsशिमला —  हिमाचल प्रदेश में नए उद्योग क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण को विकसित करने के नजरिए से सरकार ने उद्योगपतियों के लिए रियायतों का पिटारा खोल दिया है। पुराने नियमों में संशोधन कर यह निश्चित करने की कोशिश की गई है कि नए विकसित होने वाले क्षेत्रों के लिए अधिक से अधिक उद्योेग आएं। इससे पहले सरकार यहां नए उद्योग क्षेत्र विकसित कर रही थी और अब उन्हें बसाने की योजना है। प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि उसके द्वारा नियमों में संशोधन करने से जो रियायतें उद्योगों को दी गई हैं, उससे नए क्षेत्रों में विकास होगा। राज्य में कंदरौड़ी, पंडोगा नए सिरे से विकसित किए जा रहे हैं, जिसके साथ दभोटा की भी एक योजना है। इन पर तेजी से काम किया जा रहा है, जिनमें से दो के लिए केंद्र सरकार ने पैसा दे रखा है। परंतु इनसे अलग प्रमुख क्षेत्रों से बाहर यानी राज्य के उन क्षेत्रों, जहां पर अभी तक उद्योग नहीं लगे हैं, के लिए रियायती दर पर जमीन देने का निर्णय लिया गया है। हाल ही में सरकार ने रियायतें देने के लिए जो संशोधन किए हैं, उनमें से एक यह भी है कि 100 हिमाचलियों को सीधे रूप से रोजगार देने वाले उद्योगों को रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। कैटागिरी बी व कैटेगरी सी की श्रेणी में आने वाले उद्योगों, जोकि प्रमुख उद्योग क्षेत्रों से अलग हैं, में यदि कोई उद्योग लगाना चाहता है तो उसे रियायती दरों पर जमीन दी जाएगी। उद्योग विभाग के पास जमीन की कमी नहीं है। उसके पास आठ हजार बीघा से अधिक का लैंड बैंक है, परंतु प्रमुख क्षेत्रों को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों की तरफ उद्योगपति नहीं जाते, लिहाजा उन्हें रिझाने के लिए यह प्रयास किया गया है। सालाना आधार पर इन लोगों को जमीन की प्रीमियम भरना पड़ेगा, जिसकी राशि को अधिकारियों की कमेटी तय करेगी। इस कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव उद्योग, निदेशक उद्योग, प्रबंध निदेशक एसआईडीसी रहेंगे, जो रेट तय करेंगे। ऐसे क्षेत्रों में कई दूसरी राहतें भी उद्योगपतियों को प्रदान की गई हैं। सरकार की इस पहल से देखना यह होगा कि राज्य के किन-किन क्षेत्रों में उद्योग आएंगे। उत्पादन क्षेत्र में यहां पर बड़ी संख्या में उद्योग लगे हैं, लेकिन ये लोग कनेक्टिविटी मांग रहे हैं। केंद्र सरकार ने अब शिमला को हवाई सेवा से जोड़ा है, जिससे भी उद्योगपतियों को राहत मिलेगी। यहां शिमला जिला में कई बीघा जमीन उद्योग विभाग के पास है, वहीं दूसरे जिलों में भी बड़ी मात्रा में जमीन उपलब्ध है, परंतु उसे बसाने की जरूरत है। रियायतें देने की सरकार की नई पहल से कितना उद्योग विकास हो सकेगा, यह समय बताएगा।

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