पर्यावरण की कीमत पर न हो नवाचार

By: May 12th, 2017 12:02 am

नई दिल्ली— राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रौद्योगिकी के माध्यम से टिकाऊ एवं समावेशी विकास की जरूरत को रेखांकित करते हुए गुरुवार को कहा कि नवाचार पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए। श्री मुखर्जी ने विज्ञान भवन में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पुरस्कारों के वितरण के बाद कहा कि मौलिक नवाचार-जो विकास के दीर्घकालीन वाहक हैं-पर्यावरण की कीमत पर नहीं होने चाहिए। तेज औद्योगीकरण और फलतः विभिन्न सेक्टरों के मशीनीकरण के कारण कार्बन उत्सर्जन को सीमित रखना जरूरी हो गया है। प्रौद्योगिकी में सर्वश्रेष्ठता की होड़ में हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि देश की प्रगति आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति और नैसर्गिक पर्यावरण की रक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने पर निर्भर करती है। सतत् एवं समावेशी विकास को समय की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि संपन्न एवं वंचितों तथा शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के बीच असमानता के साथ कतिपय समूहों का वंचित रहना या हाशिये पर होना सामाजिक अशांति को जन्म दे सकता है।

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