पहल ने सुधारी पढ़ाई-लिखाई

By: May 26th, 2017 12:01 am

रिपोर्ट कार्ड में खुलासा, सवाल सुलझाने की क्षमता 62 फीसदी बढ़ी

शिमला  —  पहल कार्यक्रम से विभिन्न स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर बच्चों के पढ़ने और समझने की क्षमता में काफी सुधार हुआ है। यह खुलासा योजना के एक साल के रिपोर्ट कार्ड में हुआ है। 19 मई, 2016 को शिमला में पहल योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत प्राथमिक स्तर पर बच्चों की पढ़ने-लिखने की क्षमता में सुधार करने के लिए कई प्रयास किए गए। योजना के एक साल पूरा होने के मौके पर जिला प्रशासन ने इसका रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है। इस रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक पहल कार्यक्रम के तहत बच्चों के पढ़ने और समझने की क्षमता में काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। चौथी के बच्चों में पढ़ने की क्षमता में 42 से 62 फीसदी सुधार आंका गया है, जबकि इसी श्रेणी में पांचवीं कक्षा के बच्चों में 54 से 75 फीसदी सुधार हुआ है। चौथी कक्षा में माइनस के सवालों में यह दर 21 से लेकर 49 फीसदी तक आंकी गई है। पांचवीं कक्षा में यही दर 34 से 62 प्रतिशत आंकी गई है। भाग (डिवीजन) चौथी कक्षा में 20 से 45 प्रतिशत, पांचवीं में 31 से 61 और अपूर्णांक (फ्रैक्शन) में चौथी में 30 से 68 और पांचवीं में 54 से 75 प्रतिशत का सुधार आंका गया है। स्कूलों के अलावा फोरेस्ट राइट एक्ट, सेनीटेशन, ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर भी कार्यक्रम आयोजित किए और कई मामलों को निपटाया गया। डीसी रोहन चंद ठाकुर का कहना है कि पहल रिपोर्ट कार्ड-दो में पहल के शिक्षा, सेनीटेशन, फोरेस्ट राइट एक्ट जैसे मामलों में बेहतरीन परिणाम सामने आए हैं।

अंग्रेजी में 11 फीसदी सुधार

जिला के सभी 321 स्कूलों में सत्र 2017-18 में अंग्रेजी शुरू करने के मकसद से अक्तूबर से दिसंबर-2016 तक मशोबरा के 17 क्लस्टर प्राथमिक स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया। इसमें 450 बच्चों को कवर किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोेजेक्ट से बच्चों की अंग्रेजी में भी 11 फीसदी का सुधार हुआ है।  अब जिला के 321 स्कूलों में भी पहल कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस बार गणित और अंग्रेजी में अधिक ध्यान दिया जाएगा और इसके लिए तकनीकी आधार प्रशिक्षण का भी सहारा लिया जाएगा।

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