फायर स्टेशन खोलने के लिए नियम बदले
ऊना – प्रदेश में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने फायर स्टेशन और सब-स्टेशन खोलने के लिए नए नियम निर्धारित किए हैं। केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित नए नियमों के तहत आग की घटनाओं वाले क्षेत्रों में फायर स्टेशन खुलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है, लेकिन नए नियमों के अनुसार फायर स्टेशन खोलने के लिए संबंधित विभाग को भी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए गंभीरता दिखानी होगी। प्रदेश में पहले जहां फायर स्टेशन, फायर सब-स्टेशन की मंजूरी के लिए जनसंख्या के आधार पर मिलती थी। अब भविष्य में जनसंख्या के आधार पर मंजूरी मिल पाएगी। केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित दोनों औपचारिकताओं में से एक पूरी करना अनिवार्य है। नए नियमों के तहत फायर स्टेशन, सब-स्टेशन खोलने के लिए संबंधित विभाग की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं, लेकिन उसके बावजूद प्रदेश में कई स्टेशन खोलने की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के तहत नया फायर स्टेशन खोलने के लिए पांच से सात किलोमीटर तक का एरिया (रेडियस) निर्धारित किया गया है। इसके अलावा दो लाख की जनसंख्या निर्धारित की गई है। इन दोनों में से एक शर्त पूरा करना अनिवार्य किया गया है। हालांकि अन्य औपचारिकताएं भी हैं, लेकिन इन दोनों शर्तों में से एक शर्त पूरा करना अनिवार्य किया गया है। सब फायर स्टेशन के लिए तीन से चार किलोमीटर एरिया (रेडियस) निर्धारित किया गया है, ताकि आसपास की जनता को लाभ मिल सके।
आग में जलते हैं करोड़ों
आपदा साइट तक पहुंचने के लिए फायर टेंडर्स को तीन से पांच मिनट तक का समय निर्धारित किया गया है। फायर स्टेशन प्लाट के एक किनारे और मेन रोड के समीप होना चाहिए। साथ ही स्टेशन के लिए दोनों ओर से एंट्री होनी चाहिए। फायर हाइड्रेंट के लिए अंडर ग्राउंड पाइपलाइन होनी चाहिए। 15 मीटर तक ऊंचे भवन की सुरक्षा के लिए हाई राइज बिल्डिंग कमेटी बनाई जानी चाहिए। प्रदेश में फायर सीजन के दौरान हर साल करोड़ों रुपए की संपत्ति आग की भेंट चढ़ती है। इससे आम जनता को नुकसान होता है, जिसके चलते केंद्र सरकार की ओर से यह प्रक्रिया अपनाई गई है।
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