बाड़ी दुर्गा मंदिर में लकड़ी पर हो रही सुंदर नक्काशी
आनी – आनी से सात किलोमीटर दूर कुल्लू की सीमा पर तीन नदियों के संगम स्थल बाडी में स्थित सैकड़ों साल पुराने देवी दुर्गा माता बाड़ी के मंदिर को एक धार्मिक पवित्र स्थल माना जाता है। जानकारी के अनुसार 500 साल पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया था, वर्तमान समय में इस मंदिर के शहतीर आदि सड़ने से यह जीर्ण-शीर्ण हो गया था, ऐसे में क्षेत्र की जनता ने इसके जीर्णोद्धार का निर्णय लिया, जिसमें सभी लोगों का सहयोग बांछित रहेगा। मंदिर कमेटी के प्रधान राम सिंह ठाकुर, कारदार राम लाल शर्मा, ज्ञान चंद, व किशन चंद ने बताया कि देवी माता बाड़ी दुर्गा के नए मंदिर का निर्माण भूखे पेट रहकर युद्धस्तर पर शुरू हो गया है, जिसमें मंडी व कुल्लू क्षेत्र के अराधक अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं। मंदिर निर्माण में लकड़ी पर सुंदर नक्काशी की जा रही है, जिसमें मंदिर गर्भ गृह के मुख्य द्वार के शिखर पर गणपति और प्रौल में नवदुर्गा के नौ रूपों को संुदर नक्काशी कर उकेरा गया है। मंदिर की नक्काशी का काम बालीचौकी के थाची गांव के देव शिल्पी यशवंत और उनके सहयोगी श्याम लाल, देवराज, देविंद्र व बंद प्रकाश कर रहे हैं।
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