बिना डाक्टर 32000 आबादी

By: May 9th, 2017 12:07 am

newsखुंडियां – दिल्ली-चंडीगढ़ जैसे शहरों में मामूली पेट दर्द पर भी मरीज का हर जरूरी टेस्ट होता है। उसके बाद उसे उतनी ही दवा दी जाती है, जितनी जरूरत हो। अब ज्वालामुखी हलके के खुंडियां जैसे चंगर  इलाके को परखते हैं। यहां मरीज को पेट दर्द हो, तो उसे नीम-हकीम या झोलाछाप डाक्टर 10-12 टेबलेट का गुच्छा थमा देता है, ताकि कोई तो असर करे। अब गैर जरूरी टेबलेट शरीर का क्या हाल करेंगी, यह सबको पता है। वजह, यहां 14 पंचायतों के लिए खुले सीएचसी में डाक्टर ही नहीं है। करीब 32000 आबादी के लिए इस सीएचसी में डाक्टर्ज के पांच पद स्वीकृत हैं। एक डाक्टर है, लेकिन वह भी छुट्टी पर है।   इस कारण 32000 की आबादी या तो यहां मौजूद फार्मासिस्ट से इलाज करवाए या फिर झोलाछाप की शरण में जाएं। सीएचसी  में कभी 150 तक ओपीडी थी, लेकिन अब 10-12 तक सिमट कर स्वास्थ्य सेवाओं  की सारी कहानी बयां कर रही है। कहने को तो राजनेता आए दिन ज्वालामुखी विधानसभा को मार्डन बनाने का दावा करते आ रहे हैं। मगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन में चल रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का न तो भवन है और न ही डाक्टर।  सिर्फ एक डाक्टर चंगर क्षेत्र के डोला, खरियाना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा खुंडियां सामुदायिक स्वास्थ्य को चल रहा है, जो कि चंगर क्षेत्र की जनता से भद्दा मजाक है। चार बजे के बाद यहां अस्पताल में कोई एमर्जेंसी सेवाएं भी नहीं मिलती हैं।  उधर, विधायक संजय रतन पहले ही दौहरा चुके हैं कि हलके में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए सरकार कृत संकल्प है।

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