भ्रष्टाचार से मुक्ति

By: May 27th, 2017 12:01 am

(केसी शर्मा, सूबेदार मेजर(रि.),गगल )

भारत के समक्ष कई गंभीर समस्याएं हैं। बढ़ती जनसंख्या, बढ़ती बेरोजगारी, भ्र्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, सामाजिक उत्थान, समाज के भीतर बढ़ती असमानता। यह्य समस्याएं देश की अपनी समस्याएं हैं, जिन से सरकारें लड़ रही हैं।  इन समस्याओं पर काबू पाने में लंबी योजनाएं बनाने में सरकारें प्रयासरत  हैं। आज सबसे चर्चित समस्या है भ्रष्टाचार, जिसका बड़ा व्यापक रूप है और यह समस्या नासूर बन चुकी है। जो भी अर्थात जिस भी पार्टी की केंन्द्र सरकार बनी उस सरकार ने अपने ढंग से पक्षपात की नीति अपनाकर काम किया। कांगे्रस की यूपीए सरकार ने भी पक्षपात किया। आज मोदी सरकार भी पक्षपात की नीति अपनाकर काम करती दिख रही है। भाजपा को सारा भ्रष्टाचार कांग्रेस में नजर आ रहा है। यही प्रमुख कारण रहा कि भ्रष्टाचार आज बढ़ा है, कम नहीं हुआ। जन साधारण का मानना है अगर एक सरकारी कर्मचारी एक हजार की रिश्वत लेता पकड़ा जाए तो उसे तुरंत साल दो साल के लिए कारावास में डाल दिया जाता है। परंतु एक नेता एक उद्योगपती करोड़ों का घोटाला करे तो उसे सजा दिलवाने में बीसों साल लग जाते हैं। विजय माल्या करोड़ों रुपए का चूना बैंकों को लगा कर विदेश भाग गया उसके समक्ष वर्तमान सरकार नमस्तक खड़ी है।

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