मरीजों को अभी तक विशेषज्ञ चिकित्सकों का इंतजार

By: May 3rd, 2017 12:10 am

newsnewsनाहन— सिरमौर जिला के नाहन स्थित रिजनल अस्पताल का दर्जा गत वर्ष बढ़ाकर डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज कर दिया गया हो, परंतु अभी भी मेडिकल कालेज नाहन में स्टॉफ की कमी है। ऐसे में मेडिकल कालेज से बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अभी कुछ समय और चिकित्सकों का इंतजार करना होगा। वर्तमान में मेडिकल कालेज नाहन एवं अस्पताल में चिकित्सकों के विभिन्न विभागों के 11 पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे में अभी भी मरीजों के लिए मेडिकल कालेज की तुलना में पर्याप्त चिकित्सक नाहन नहीं पहुंच पाए हैं। भले ही स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक सोमवार को डाक्टरों के वॉक इन इंटरव्यू भी रखे हैं बावजूद इसके अभी भी पैरा मेडिकल स्टॉफ व चिकित्सकों के पद और भरने को हैं। प्रदेश के तीसरे मेडिकल कालेज डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज नाहन की हालत यह है कि यहां पर जहां ओपीडी की संख्या में लगातार तीन से चार गुणा तक का इजाफा हो गया है, वहीं सुविधाओं में अभी और बढ़ौतरी की आवश्यकता है। गौर हो कि सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में गत वर्ष तक रिजनल अस्पताल लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवा रहा था। जब तक यहां पर रिजनल अस्पताल था तब तक सिरमौर के लोगों को स्वास्थ्य सेवाआें के नाम पर केवल ठेंगा मिलता था, परंतु अब मेडिकल कालेज के खुलने से जहां सुविधाओं में इजाफा हो रहा है वहीं चिकित्सकों की संख्या भी कई गुणा बढ़ गई है। मेडिकल कालेज नाहन में क्लीनिकल व पैरा क्लीनिकल की दो श्रेणियां बनाई गई हैं। प्रत्येक विभागों के दो से तीन यूनिट बनाए गए हैं जिसमें से एक यूनिट ओपीडी का काम देखता है तो दूसरा यूनिट इंडोर व आपरेशन थियेटर का जिम्मा संभालता है। मेडिकल कालेज नाहन में प्रतिदिन करीब 800 से 900 की ओपीडी दर्ज की जा रही है जो रिजनल अस्पताल के समय केवल 200 से 300 के आसपास ही होती थी। मेडिकल कालेज की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 20 से 22 चिकित्सक रोटेशन में विभिन्न विभागों के मरीजों की सेवाओं के लिए उपलब्ध होते हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों की कुछ यूनिट ऐसी हैं जो इंडोर में सेवाओं में रहते हैं। वर्तमान में मेडिकल कालेज नाहन में एक प्रिंसीपल व डीन के अलावा 10 प्रोफेसर, 14 एसोसिएट प्रोफेसर, 28 सहायक प्रोफेसर तथा 22 डेमोस्ट्रेटर चिकित्सक हैं। इसके अलावा 16 विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ भी यहां पर तैनात हैं। एमबीबीएस चिकित्सक की संख्या 19 है जिसको मिलाकर कुल 111 चिकित्सक मेडिकल कालेज में उपलब्ध हैं। केवल 11 चिकित्सक अभी विभिन्न विभागों में ऐसे हैं जिनके पद अभी रिक्त चले हुए हैं। इसके अलावा करीब 140 के आसपास स्टॉफ नर्सिज तथा एक दर्जन के आसपास वार्ड सिस्टर की तैनाती है। दो मैटर्न भी मेडिकल कालेज में नर्सिंग स्टाफ के प्रबंधन का जिम्मा संभाल रही हैं। हाल ही में मेडिकल कालेज नाहन को आउटसोर्स के माध्यम से 65 विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारी भी मिले हैं। मेडिकल कालेज नाहन में गत एक वर्ष में केवल चार चिकित्सक ही वापिस आईजीएमसी व टांडा शिफ्ट हुए हैं। डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज नाहन के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. केके पराशर का कहना है कि अब सिरमौर के लोगों को मेडिकल कालेज के खुलने से सभी विभागों की विशेष सुविधाएं मिल रही हैं। अधिकांश मरीजों के आपरेशन भी स्थानीय तौर पर किए जा रहे हैं। मेडिकल कालेज में करीब 10 से 12 प्रतिशत पद अभी भी रिक्त पड़े हुए हैं।

रैफर किए जा रहे आपरेशन केस

मेडिकल कालेज में अब नियमित रूप से अल्ट्रासाउंड, सिटीस्कैन व विभिन्न श्रेणी के आपरेशनों की सुविधा भी मरीजों को मिल रही है। गिने-चुने मरीज ही अब किन्हीं तकनीकी कारणों के चलते अन्य जगह पर रैफर किए जाते हैं, परंतु साधारणतयः हड्डी रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, गायनी, स्कीन आदि सभी तरह के आपरेशन अब मेडिकल कालेज में ही किए जा रहे हैं।

अभी नहीं मिली डायलिसिस की सुविधा

डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज नाहन में शीघ्र ही डायलिसिस की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी। दो से तीन माह की अवधि के भीतर मेडिकल कालेज में डायलिसिस की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी, जिससे मरीजों को अब डायलिसिस के लिए बाहरी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा।

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