युवा डेस्टीनेशन का हिमाचल

By: May 16th, 2017 12:01 am

युवा क्षमता में पनप रहे हिमाचली पर्यटन की खासियत को समझना होगा और इसके पीछे बनते माहौल के कारण भी देखने होंगे। राष्ट्रीय स्तर पर युवा पीढ़ी की नई जानकारियों और अनुभवों के बीच हिमाचल अब एक ऐसा डेस्टीनेशन है, जहां पढ़ाई या प्रोफेशन को विराम तथा आराम मिलता है। देश के कमोबेश हर विश्वविद्यालय व उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों में हिमाचल के पहाड़, नियमित पाठ्यक्रम के साथ मेलजोल बढ़ा रहे हैं और जहां छात्र समुदाय अपने अवकाश या खास शैक्षणिक सफर की दिशा तय कर रहा है। इतना ही नहीं, कुछ विश्वविद्यालयों ने छात्रों की पंसद के अनुरूप अपनी औपचारिक शिक्षा से व्यावहारिक शिक्षा तक के कुछ आयाम हिमाचल से जोड़ लिए हैं। इस दौरान समर कैंप, वाटर स्पोर्ट्स, टै्रकिंग, ट्राइबल अभियान, सांस्कृतिक अनुभूतियां, साइकिलिंग, मनोरंजन तथा वार्षिक प्रोफेशनल अनुभव के आदान-प्रदान के लिए युवा हिमाचल में अपना ठौर सुनिश्चित कर रहे हैं। इसकी शुरुआत विदेशी पर्यटकों से हुई, लेकिन भारतीय युवाओं ने अब जीवन घर्षण में पर्वतीय आनंद का एक साम्राज्य बनाना शुरू किया है। शिक्षा के दौरान पर्यटन की यह एक नई परिभाषा है, जिसे हिमाचल कबूल करे तो एक साथ कई नए केंद्र विकसित हो सकते हैं। ऐसे में यह महज पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि शिक्षा, खेल, कला-संस्कृति विभागों व विभिन्न विश्वविद्यालयों को एक साथ मिलकर युवा सैलानियों के लिए खुद को तैयार करने की चुनौती है। ज्ञान के आदान-प्रदान में भारतीय युवा जिस खोज में, विभिन्न समूहों का गठन कर रहा है, वहां हिमाचल के विभिन्न विश्वविद्यालय, एक मंच की तरह अपनी भूमिका में शिक्षा के स्रोत पैदा कर सकते हैं। हर साल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई इंजीनियर हिमाचल में एक बड़ी समूह क्षमता में अपनी ऊर्जा का परिमार्जन करते हैं, तो हिमाचल भी सूचना प्रौद्योगिकी के इस अनूठे संगम में नहा सकता है। इसी तरह प्रदेश के हर्बल व जैव क्षमता में रुचि रखते युवाओं का जमावड़ा कई घाटियों व चोटियों की खाक छानता है, तो प्रदेश के आयुर्वेद, वन विभाग व वानिकी विश्वविद्यालय को एक साथ मिलकर ज्ञान के आबंटन के बहाने ढूंढने होंगे। युवा पर्यटक के रिहायशी मानदंड बेशक निम्न स्तर के रहते हैं, लेकिन वह अधिक समय गुजार कर अतिरिक्त जानकारियां व अनुभव जुटा कर एक तरह से हिमाचल का ब्रांड एंबेसेडर बन जाता है। ऐसे में युवा परिदृश्य को समझते हुए हिमाचल का एक नया सूचना संसार संगठित व विस्तृत करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए पर्वतारोहण संस्थान व युवा एवं खेल विभाग को अपनी गतिविधियों के आगोश में पर्यटन को समाहित करना पड़ेगा। यह दो तरह के युवाओं को पढ़ने जैसा दायित्व है। एक वे जो पढ़ाई के दौरान अपने विषयों की निगाह में हिमाचल को देखते हैं और दूसरे वे जो करियर की उड़ान में जीवन व ज्ञान की कार्यशाला को इस प्रदेश में प्रासंगिक मानते हैं। युवा पर्यटन की चुनौतियों और समाधान को समक्ष रखते हुए सैलानी पंजीकरण, हेल्पलाइन तथा पुलिस पैट्रोलिंग को सक्षम करना पड़ेगा। प्रदेश के प्रवेशद्वारों पर पर्यटन सूचना केंद्रों के मार्फत हर पर्यटक का पंजीकरण तथा आवश्यक नसीहतों के अलावा मार्गदर्शक तथा रक्षाकवच बनना पड़ेगा और इसके लिए आईटी तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करना पड़ेगा। युवा पर्यटन में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए प्रदेश के कुछ डाक बंगलों को युवा होस्टल के प्रारूप में इस्तेमाल करें, तो पूरे प्रदेश में एक शृंखला खड़ी हो जाएगी। प्रदेश सरकार पहल करते हुए विभिन्न राज्यों और उनके शैक्षणिक संस्थानों से सीधे करार करते हुए छात्र, साहसिक, युवा व सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत ऐसे पर्यटन की तहजीब को विस्तृत आकार दे। राज्य भी आठवीं तक के छात्रों को हिमाचल के भीतर व इसके आगे उच्च शिक्षा के आदर्शों में राष्ट्रीय फलक पर भ्रमण को बाकायदा पाठ्यक्रम से जोड़े तथा आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करे, ताकि ज्ञान के चक्षु प्रत्यक्ष रूप से खुलें। हिमाचल में युवा पर्यटन को सुरक्षित आयाम तक पहुंचाने के लिए व्यवस्थागत व अधोसंचरना में सुधार करने होंगे। प्रदेश के कई कालेजों में पर्यटन समितियां बनाकर ऐसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दें, ताकि बाहरी युवा इनके माध्यम से हिमाचल का अनुभव जोड़ पाएं। प्राकृतिक झीलों, पर्वत शृंखलाओं, धरोहर संपत्तियों के अलावा ट्राइबल जीवन शैली पर केंद्रित पर्यटन को हम युवा सान्निध्य में और खूबसूरत बना सकते हैं, जबकि विभिन्न विश्वविद्यालय युवा पर्यटन की ज्ञान पिपासा को मानव संसाधन की समृद्धि का आकार दे पाएंगे।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App