राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोर्टमोर, शिमला

By: May 3rd, 2017 12:07 am

नीशा भुलुनी प्रिंसीपल

cereerपोर्टमोर स्कूल में कक्षा 6 से 12वीं तक 1400 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इन के लिए स्कूल में 100 के करीब टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ उपलब्ध है। पोर्टमोर स्कूल में छात्राओं के लिए आधुनिक लैब की सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। इसमें साइंस की छात्राओं के लिए बायो, फिजिक्स, केमिस्ट्री की लैब स्कूल में चल रही हैं। इसके अलावा आईटी लैब, इंटेल लैब और आईसीटी लैब की सुविधा छात्राओं को दी जा रही है। स्कूल में छात्राओं को पुस्तकालय की सुविधा भी मुहैया करवाई जा रही है। स्कूल में पढ़ाए जाने वाले प्रत्येक विषय के अलावा, सामान्य ज्ञान और समाचार पत्र भी छात्राओं को पुस्तकालय में उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। पोर्टमोर स्कूल में छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास की ओर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए स्कूली छात्राओं के लिए खेलकूद से जुड़ी गतिविधियां, ईको क्लब, पौधा रोपण, सेल्फ डिफेंस के साथ-साथ क्विज कंपीटीशन, हर एक दिवस पर स्कूल में कार्यक्रम कर उनमें छात्राओं की उपस्थिति दर्ज करवाई जाती है। स्कूल में प्रतिवर्ष खेलकूद से जुड़ी और सांस्कृतिक गतिविधियों में छात्राओं का प्रदर्शन बेहतर रहता है। अन्य गतिविधियों में स्कूल में एनसीसी, एनएसएस और स्काउट एंड गाइड भी शामिल हैं। इसके अलावा हर वर्ष छात्राओं के लिए पिकनिक टूअर का आयोजन भी स्कूल की ओर से किया जाता है पोर्टमोर स्कूल का वार्षिक परिणाम हर साल की तरह इस साल भी बेहतर रहा। इस वर्ष जमा दो परीक्षा परिणाम में स्कूल की छात्राओं का प्रदर्शन बेहतर रहा है। स्कूल का जमा दो का मेडिकल संकाय का परिणाम 95 फीसदी, कॉमर्स का 99 फीसदी, आर्ट्स का 98 फीसदी रहा है। पोर्टमोर स्कूल में सबसे खास बात यह है कि यहां छात्राओं को शिक्षा हासिल करने में किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए स्कूल में होस्टल की सुविधा छात्राओं को दी जा रही है। 160 छात्राओं को होस्टल में रहने की सुविधा स्कूल दे रहा है। इसमें वार्डन सहित अन्य स्टाफ की तैनाती भी स्कूल ने की है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों से भी छात्राएं आसानी से शिक्षा स्कूल में ग्रहण कर पा रही हैं।

विशेष छात्राओं को शिक्षा देने में अव्वल स्कूल

राजधानी शिमला सहित प्रदेश का पोर्टमोर स्कूल अकेला एक मात्र राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है, जहां 21 डिसएबल छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इनमें से कुछ छात्राएं न सुन सकती हैं न बोल सकती हैं, तो कुछ छात्राएं देख पाने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी पोर्टमोर स्कूल की पिं्रसीपल, स्कूल के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन समिति निभा रही है।

प्ररेणा दायक संदेश देने में स्कूल आगे

स्कूल में छात्राओं को प्ररेणादायक संदेश देने के लिए स्कूल प्रशासन छात्राओं को समय-समय पर स्कूल ऑडिटोरियम में प्ररेणा दायक फिल्में भी दिखाता है।

स्कूल से खेल क्षेत्र में निकली हैं महान हस्तियां

पोर्टमोर स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर छात्राएं हर क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली धाविका सुमन रावत, जो वर्तमान संयुक्त निदेशक खेल विभाग के पद पर नियुक्त हैं, ने पोर्टमोर से ही शिक्षा ग्रहण की है। वहीं सुषमा वर्मा प्रदेश की क्रिकेट खिलाड़ी भी पोर्टमोर स्कूल से ही शिक्षा ग्रहण कर निकली हैं।

इंटेल का सहयोग

पोर्टमोर स्कूल की छात्राओं को अभी हाल ही में इंटेल के सहयोग से दिल्ली में जाकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है।

प्रधानाचार्य के अनुसार भावी योजनाएं

स्कूल की प्रिंसीपल नीशा भुलुनी के अनुसार उनकी भावी योजनाओं में सबसे बड़ी प्राथमिकता अकादमिक परफार्मेंस है। बच्चों की ओवरऑल डिवेलपमेंट पर भी कार्य स्कूल स्टाफ और खास तौर पर स्कूल एसएमसी द्वारा किया जाता है। अकादमिक परफार्र्मेंस पर प्रिंसीपल का कहना है कि सबसे पहले अकादमिक परफार्मेंस है। उसके बाद छात्राओं को दूसरे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के लिए आगे ले जाना स्कूल का लक्ष्य है। इन लक्ष्यों को हासिल करने में उन्हें एसएमसी का सहयोग भी मिल रहा है।

– भावना शर्मा, शिमला

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