रेणुका में फिसले कई श्रद्धालु

By: May 11th, 2017 12:10 am

NEWSददाहू, श्रीरेणुकाजी  —  जन आस्था का केंद्र रेणुकाजी झील प्रशासनिक अव्यवस्था व उपेक्षा का शिकार होकर मौत का कारण हो गई है। हाल ही में झील के किनारे स्नानघाट पर जमी काई शैवाल ने घर के इकलौते चिराग 18 वर्षीय आईटीआई छात्र को काल का ग्रास बना दिया था, जबकि अनेक श्रद्धालु भाग्य के कारण कई बार मौत के मुह में जाने से बचते रहे है। याद रहे बुद्ध पूर्णिमा के दौरान सैकड़ों श्रद्धालु यहां सनान करने यह आए थे, जिने काई के कारण फिसलकर गिरते देखा गया। हिमाचल प्रदेश के साथ ही पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली व देश के अन्य क्षेत्रों से नियमित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु तीर्थ पर पर सपरिवार आते है । अनेक धार्मिक त्योहार व शुभमुहूर्त में लोगों की भीड़ जुटती है, जिसमे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। किसी श्रद्धालु के डूबने की स्थिति में सुरक्षा हेतु गोताखोर की भी व्यवस्था नहीं है। नाकाफी सुरक्षा प्रबंधों पर जवाब देह रेणुका विकास बोर्ड के अध्यक्ष व सीपीएस विनय कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बारे निर्देश जारी कर दिए है। सुरक्षा के पूरे  प्रबंध किए जाएंगे। घाट की काई को साफ कर सिंथेटिक मेट्स लगाए जाएंगे।

श्रद्धालुओं ने शिरगुल सरोवर में स्नान किया 

संगड़ाह- पूर्णिमा के अवसर पर 50 के करीब श्रद्धालुओं ने शिरगुल सरोवर में स्नान किया। बैशाखी पर मंदिर के कपाट खुलने के बाद यहां श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो चुकी है। हालांकि मंदिर में भंडारा अथवा प्रसाद वितरण का कार्य 14 मई को जेठ माह की संक्रांति से शुरू होगा। चूड़धार आश्रम के महंत कमलानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि बुधवार को यहां 50 के करीब श्रद्धालु पहुंचे। सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह व शिमला के चौपाल के अंतर्गत आने वाली 11969 फुट ऊंची चूड़धार चोटी के कपाट बर्फ से छह माह बंद रहते हैं तथा अप्रैल से सितंबर माह तक यहां यात्राएं चलती हैं। चुड़ेश्वर सेवा समिति पदाधिकारियों ने बताया कि 14 मई से भंडारा शुरू होगा।

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