लगातार चौथे दिन सोना सस्ता

By: May 5th, 2017 12:08 am

29 हजार से फिसल कर 28800 रुपए प्रति दस ग्राम पहुंची कीमत, चांदी 650 रुपए उतरी

newsनई दिल्ली — अमरीकी फेडरल रिजर्व की अगले माह होने वाली बैठक में ब्याज दर बढ़ाए जाने की संभावना के बल पर डालर के दो सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचने और सामान्य घरेलू मांग के दबाव में दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने और चांदी दोनों में भारी गिरावट दर्ज की गई। डालर में आए उछाल से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव काफी लुढ़क गए हैं, जिससे स्थानीय सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना लगातार चौथे दिन 270 रुपए फिसलता हुआ 29000 रुपए के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे चार माह के निचले स्तर 28800 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया। हालांकि वैश्विक स्तर पर चांदी की कीमतों में हल्की तेजी रही, लेकिन डालर के दबाव में स्थानीय बाजार में इसने लगातार आठवें दिन अपनी चमक खो दी। घरेलू बाजार में यह 650 रुपए की भारी गिरावट के साथ चार माह से अधिक के निचले स्तर 38850 रुपए प्रति किलोग्राम पर बिकी।  विदेशी बाजारों में लंदन का सोना हाजिर 2.20 डालर टूटकर छह सप्ताह के निचले स्तर 1235.55 डालर प्रति औंस पर बिका। जून का अमरीकी सोना वायदा भी 12  डालर की भारी गिरावट के साथ 1236.50 डालर प्रति औंस बोला गया। चांदी में 0.02 डालर की तेजी रही और यह 16.46  डालर प्रति औंस पर बिकी। फेड की जून में होने वाली बैठक में ब्याज दर बढ़ाए जाने की संभावना से डालर को मिली मजबूती से पीली धातु की मांग घट गई है। फेड रिजर्व की बैठक में ब्याज दर स्थिर रखे जाने का फैसला हुआ है। स्थानीय बाजार में सोने में लगातार चौथे दिन सोने की चमक फीकी पड़ी है। सोना स्टैंडर्ड 270 रुपए लुढ़ककर नौ जनवरी के बाद के निचले स्तर 28880 रुपए प्रति 10 ग्राम आ गया। सोना बिटुर भी इतना ही फिसलकर 28730 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। आठ ग्राम वाली गिन्नी भी 100 रुपए गिरकर 24300 रुपए पर आ गई।

खरीदने को मची होड़

बंगलूर— देश में सोने की मांग जनवरी-मार्च की साल की पहली तिमाही में 15.10 प्रतिशत बढ़कर 123.5 टन पर पहुंच गई। पिछले साल इसी अवधि में यह 107.3 टन रही थी। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आलोच्य तिमाही में गहनों के लिए सोने की मांग 16 प्रतिशत बढ़कर 92.3 टन पर और निवेश के लिए मांग 14 प्रतिशत बढ़कर 31.2 टन पर रही। पिछले साल की पहली तिमाही में जेवराती मांग 79.8 टन और निवेश मांग 27.5 टन रही थी। भारत में जेवराती मांग में मजबूत बढ़ोतरी से वैश्विक मांग में भी मामूली तेजी रही। वैश्विक मांग 474.4 टन की तुलना में बढ़कर 480.9 टन पर पहुंच गई, वहीं वैश्विक निवेश मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह 606.9 टन से घटकर 398.9 टन पर आ गई। परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की जेवराती वैश्विक मांग में साल दर साल आधार पर मामूली बढ़ोतरी का प्रमुख भारत में मांग बढ़ना रहा है, लेकिन वैश्विक संदर्भ में सोने की मांग अभी कमजोर है।

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