शहीद की खबर से ही… खौल उठता है खून

By: May 11th, 2017 12:10 am

newsहमीरपुर  —  सीमा पर जब भी सैनिकों के शहीद होने की खबर मिलती है, तो दिल करता है कि स्वयं बार्डर पर मोर्चा संभाल लूं। दुश्मन को धूल चटाने के लिए मन बेकाबू हो उठता है। पाकिस्तान की बर्बरता को देखकर जी करता है कि दुश्मन को जड़ों से उखाड़ फंेकें। आखिर क्यों सरकार दुश्मन देश पर कार्रवाई करने से डर रही है। अगर सेना को आदेश मिले, तो पाकिस्तान का वजूद खत्म हो जाए। उसके बाद न तो बार्डर पर जवान शहीद होगा और न ही किसी का सुहाग उजड़ेगा। यह कहना है कोटला के सेवानिवृत्त कैप्टन रतन चंद शर्मा का। रतन चंद महार रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनका कहना है कि सेना किसी भी आपातकालीन स्थिति में दुश्मन से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है। कई बार सेना ने ऐसे मौके पर दुश्मन को धूल चटाई है। उनका कहना है कि दुश्मन देश पर हमले का आदेश तो उच्च स्तर से ही जारी होगा। यदि सरकार से आदेश मिले तो सेना पीछे नहीं हटेगी। कुछ ही घंटों में पाकिस्तान का वजूद समाप्त हो जाएगा। पाकिस्तान की बर्बरता पूरा देश देख चुका है। कई बहनों के भाई तो कई माताओं के सपूत शहीद हुए हैं। बात कारगिल की करें, तो यहां भी कई सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। हालांकि जीत भारत की थी, लेकिन अगर सरकार चाहती, तो उसी समय पाकिस्तान का नामोनिशान मिट जाता। आतंकी पैदा करने वाला यह देश हमेशा से भारत के लिए सिरदर्द रहा है। अब समय आ गया है कि इसे सबक सिखाया जाए। लड़ाई आर-पार की होनी चाहिए। दुश्मन हमेशा छिपकर वार करता रहा है, सेना सीने पर वार कर अपनी ताकत दिखाएगी। हमारा देश दुश्मन देश से लोहा लेने में पूरी तरह सक्षम है। सब इंतजार सरकार के आदेश का है। आदेश मिलते ही सेना अपना कर्त्तव्य पूरी निष्ठा से निभाएगी।  मां भारती की रक्षा में सैनिकों को पीछे हटना नहीं सिखाया जाता। शहादत का जाम पीने वाले अमर शहीद कहलाते हैं। यह अपने आप में गर्व की बात है।

सेना को दें कार्रवाई का अधिकार

उनका कहना है कि सरकार को आपातकालीन स्थिति में सेना को तुरंत कार्रवाई करने का अधिकार देना चाहिए। इससे दुश्मन सिर नहीं उठा सकेगा और हमारे जवान भी सुरक्षित रहेंगे।

यह उम्मीद है सरकार से

भारत सरकार चाहे तो कुछ भी कर सकती है। पिद्दी भर देश हमारी सीमा में घुसकर सैनिकों के सिर कलम कर देता है और हम शांति की अपील करते रह जाते हैं। अब सरकार को आर-पार की लड़ाई लड़नी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय दबाव को भूल जाओ, पाकिस्तान को घर में घुसकर मारो। इसके लिए सरकार को फौज को फ्री हैंड दे देना चाहिए। दस दिन में दुनिया के नक्शे से यह आतंकी मुल्ख गायब हो जाएगा और अमन-चैन बहाल होगा। न किसी का बेटा शहीद होगा, न किसी की असमय मांग उजड़ेगी, न किसी बच्चे के सिर से बाप का साया उठेगा। आतंकियों की जब नर्सरी ही खत्म हो जाएगी, तो विश्व भी दहशतगर्दी से मुफ्त हो जाएगा।

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