सभी स्कूल दें स्टाफ का ब्यौरा

By: May 31st, 2017 12:01 am

खराब रिजल्ट के लिए स्टाफ की कमी का रोना रोने वाले तलब

शिमला  —  खराब रिजल्ट पर विभाग की किरकिरी होने पर जब स्कूल मुखियाओं से इसका कारण सरकार ने पूछा तो अधिकतर ने स्टाफ की कमी को ढाल बना लिया। सूत्रों का कहना है कि इस बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा ने कुछ प्रिंसीपल को भी तलब किया था। इस पर अधिकतर ने यही तर्क दिया कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या तो अधिक है, लेकिन अधिकतर शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी किए हैं कि वह स्कूल वाइज खाली पद और भरे गए पदों की तुरंत सूचना सरकार को दें, ताकि खराब रिजल्ट के लिए स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहराने वाले स्कूल मुखियाओं और शिक्षकों की सही परफार्मेंस के बारे में पता लग सके। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों और अभिभावकों से 15 जून तक ऑनलाइन सुझाव भी मांगे गए हैं, ताकि खराब रिजल्ट के सही कारणों का पता लगाया जा सके। इस मामले को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई गई। कमेटी के सदस्य बेहद खराब परिणाम देने वाले स्कूलों का जिलावार दौरा करेंगे और स्कूलों के प्रिंसीपल और छात्रों से फीडबैक लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेंगे।

कर्सिव राइटिंग के लिए ट्रेनिंग

एसएसए परियोजना निदेशक ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने और अंग्रेजी में छात्रों की लिखावट सुधारने के लिए अब शिक्षकों को विशेष तौर पर कर्सिव राइटिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान शिक्षकों को अंग्रेजी में कर्सिव राइटिंग, हिंदी और गणित पढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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