सिविल अस्पताल ददाहू में सिर्फ दो एमबीबीएस डाक्टर

By: May 5th, 2017 12:08 am

newsददाहू, श्रीरेणुकाजी —  रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के एकमात्र सिविल स्तरीय हास्पिटल ददाहू की हालात डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी से खस्ता है। सिविल स्तरीय ददाहू हास्पिटल 25 पंचायतों का सीधा केंद्र बिंदू है। 50 बैडेड ददाहू हास्पिटल में डाक्टरों के आठ पद स्वीकृत है, जबकि यहां केवल दो एमबीबीएस डाक्टर ही सेवारत है। हास्पिटल में स्टाफ नर्सिज के छह पद स्वीकृत हैं, जबकि तीन खाली चल रहे हैं। हास्पिटल में दंत विभाग में डेंटल सर्जन की दो पोस्ट स्वीकृत है जिसमें से एक खाली चल रही है। सीनियर लैब असिस्टेंट की तीन में से तीनों ही पोस्ट खाली हैं। यही हाल लैब टेक्नीशियन का है। तीन सेक्शन पोस्ट में से तीन खाली हैं। सिविल हास्पिटल में कुछ समय के लिए अल्ट्रासाउंड सुविधा को शुरू करने के बाद पिछले एक वर्ष से यहां अल्ट्रासाउंड सुविधा बंद हो गई है। हास्पिटल में रेडियोग्राफर का पद खाली पड़ा है, जबकि अल्ट्रासाउंड मशीन शोपीस बनी है। एक अरसे से लगातार सिविल हास्पिटल ददाहू में डाक्टरों की पोस्टों को भरने की मांग की जा रही है, मगर यहां विडंबना यह है कि डाक्टर तैनाती से पूर्व ही किनारा कर रहे हैं। पिछले एक वर्ष में जानकारी अनुसार चार डाक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं। यहां पर एकमात्र पीडियाट्रिक्स डाक्टर भी पिछले छह माह से डेपुटेशन पर है, जिसका कोई भी लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। रेणुकाजी के विधायक एवं सीपीएस व रोगी कल्याण समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य विनय कुमार कहते हैं कि हास्पिटल को सुविधायुक्त किया जा रहा है, जिसके लिए लगभग पांच करोड़ की लागत से न्यू ओपीडी बिल्डिंग का कार्य अंतिम चरण में है। डाक्टरों और स्टाफ को भरने के लिए भी प्रयास जारी हैं। बता दें कि सिविल हॉस्पिटल ददाहू पिछले पांच वर्षों से डेपुटेशन पर खींचा जा रहा है। वहीं आपात समय में केवल रैफर के अलावा यहां कोई भी चारा डाक्टरों के पास नहीं होता है। भले ही हास्पिटल को सुविधा से लैस करने के दावे किए जाते हैं, मगर इस हास्पिटल की हालत किसी से छिपी नहीं है। ताजा उदाहरण है कि प्रदेश में 122 डाक्टरों की तैनाती के आदेश हुए, जिसमें से 15 डाक्टर सीएमओ सिरमौर डा. संजय शर्मा के अनुसार जिला सिरमौर को मिले। इस फहरिस्त में दो डाक्टर सिविल हास्पिटल ददाहू भी इसी माह भेजे गए, जिसमें से एक लेडी डाक्टर ने जॉब से ही विड्रॉल कर दिया, जबकि एक मेल डाक्टर ने कहीं ओर एडजेस्टमेंट करवा दी। लिहाजा इस हास्पिटल को क्षेत्र की गरीब जनता के इलाज के लिए इच्छा शक्ति से सेवा और संचालन की जरूरत है।

स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी

सिविल हास्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, ईएनटी, ऑर्थो, मेडिसिन स्पेशलिस्ट की बेहद जरूरत है, मगर सिविल हास्पिटल ददाहू में इन आठ स्वीकृत पोस्ट में से केवल दो एमबीबीएस की पोस्ट भरी है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र का सिविल सत्रीय हास्पिटल किस दशा से गुजर रहा है।

हर दिन इलाज को पहुंचते हैं 200

सिविल हास्पिटल ददाहू में प्रतिदिन 150 से 200 के बीच ओपीडी रहती है। वहीं एमर्जेंसी, एक्सीडेंट, पोस्टमार्टम, प्रशासनिक कार्य भी मात्र दो डाक्टर पर हैं। रिपोर्ट बताती है कि पिछले एक वर्ष में सिविल हास्पिटल ददाहू में 53512 ओपीडी रोगियों को देखा गया। इस हिसाब से गत वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत भार ओपीडी का बढ़ा है, वहीं हास्पिटल एक वर्ष में 6431 इंडोर पेशेंट्स का भार 50 बैडेड हास्पिटल में उठा रहा है। हास्पिटल में अब प्रतिवर्ष 20 प्रतिशत का ओपीडी भार बढ़ रहा है।  पैरा मेडिकल विभाग के हवाले रोगियों के टेस्ट की बात की जाए तो ददाहू सिविल हास्पिटल में एक वर्ष में 24328 टेस्ट विभिन्न बीमारियों के किए गए।

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