सिविल अस्पताल राजगढ़ स्वयं वेंटिलेटर पर

By: May 6th, 2017 12:08 am

newsराजगढ़  —  उपमंडल मुख्यालय राजगढ़ के सिविल अस्पताल में चिकित्सकों के खाली पदों के कारण लोग स्वास्थ्य सुविधाओं संबंधी विभिन्न समस्याओं का सामना करने को मजबूर हो रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे यहां खोखले साबित हो रहे हैं। उपमंडल की 30 पंचायतों के साथ-साथ नौहराधार, हरिपुरधार, संगड़ाह सहित शिमला जिला के कुछ क्षेत्र भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सिविल अस्पताल राजगढ़ पर आश्रित हैं, लेकिन आज राजगढ़ के इस सिविल अस्पताल की हालत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से भी बदतर है। आलम यह है कि सुविधाओं के नाम पर इस अस्पताल में कुछ नहीं है और लोग अन्य जिलों में जाकर निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर हैं। 30 जून, 2016 को खंड चिकित्सा अधिकारी की पोस्ट की नोटिफिकेशन तो सरकार ने जारी कर दी थी, लेकिन इसे अभी तक क्रियान्वित नहीं किया जा सका है।   एक जानकारी के अनुसार राजगढ़ अस्पताल में चिकित्सकों के आठ पद स्वीकत हैं, लेकिन वर्ष 2016 में  यहां से छह चिकित्सक जा चुके हैं और वर्तमान में  मात्र दो चिकित्सकों के सहारे यह अस्पताल स्वयं वेंटिलेटर पर है। इनमें से भी एक एनेस्थेटिस्ट  है जिसका सर्जन के बिना कोई औचित्य नहीं है। वर्ष 2013 से यहां आंखों का चिकित्सक नहीं है। पिछले वर्ष तक यहां एमडी मेडिसन, सर्जन, पीडियाट्रिक्स सहित विशेषज्ञ चिकित्सक थे और अस्पताल में भारी भीड़ रहती थी, लेकिन वर्ष 2017 में चिकित्सकों की कमी के कारण  मरीजों की संख्या में भी काफी कमी आई है। यहां फार्मासिस्ट के तीन पद तो वर्ष 2005 से ही रिक्त चले हैं। लोकल आरकेएस के माध्यम से एक फार्मासिस्ट की नियुक्ति की गई है।

कई रोगों के विशेषज्ञ नहीं

सिविल अस्पताल राजगढ़ में वर्ष 2016 में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति में जहां 200 से अधिक की ओपीडी रहती थी वह आजकल आधी से भी कम रह गई है। कभी-कभी तो यह आंकड़ा 50 से भी कम रहता है। राजगढ़ अस्पताल में मेडिसन, सर्जन, आंखों, ईएनटी व बच्चों सहित कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं और एक एनेस्थेटिस्ट और एमबीबीएस चिकित्सक के सहारे इसकी स्थिति स्वयं वेंटिलेटर पर होने जैसी है।

केवल फागू में फार्मासिस्ट उपलब्ध  

राजगढ़ तहसील में कुल चार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 15 उपस्वास्थ्य केंद्रों में भी हालत अच्छी नहीं है। केवल फागू में काफी अरसे से चिकित्सक का पद भरा हुआ है। डिंबर में अभी हाल ही में चिकित्सक की बहाली हुई है। धामला और कोटी बधोग लंबे अरसे से चिकित्सकों से वंचित है। तीनों पीएचसी में केवल फागू में फार्मासिस्ट उपलब्ध हैं। तीन उपस्वास्थ्य केंद्रों टाली भुज्जल, देवठी मझगांव व धारली में हैल्थ वर्कर्स के पद रिक्त चल रहे हैं।

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