हक के लिए अब होगा आंदोलन

By: May 8th, 2017 12:01 am

शिक्षक संघ ने मांगें मानने को 15 मई तक का दिया अल्टीमेटम

धर्मशाला – हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने मांगों पर उचित कदम न उठाने के चलते शिक्षा विभाग के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है। संघ ने कहा कि हाल ही में एक ज्ञापन प्रदेश सचिव व शिक्षा सचिव को सौंपा गया था, जिसमें संघ ने अपनी मांगों के निपटारे के लिए व वार्ता हेतु संघ को बुलाने के लिए 15 मई तक का समय दिया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव नरेश महाजन, प्रदेश प्रवक्ता अश्वनी भट्ट, बोर्ड मामलों के प्रभारी संजीव राणा, सरोज मेहता, महिला विंग की प्रभारी कविता विजलवान आदि ने कहा कि अधिकारियों को सौंपे गए ज्ञापन में  4-9-14 को पूरे सेवाकाल में तीन लाभ तक सीमित करने की अधिसूचना को तुरंत रद्द करने की मांग की गई थी। इसके अलावा ज्ञापन में  प्रधानाचार्यों की पदोन्नतियांे को नियमित करके उन्हें आर्थिक लाभ देने, पदोन्नतियों पर ग्रेड-पे के लिए दो वर्ष के प्रोविजन पीरियड को हटाना, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना,  शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रदेश में प्रारंभिक, सेकेंडरी व उच्च शिक्षा नामक तीन निदेशालयों का गठन करना, प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षकों के लिए नीति बनाना, सी एंड वी अध्यापकों को टीजीटी का दर्जा देना, सभी नव स्तरोन्नत पाठशालाओं में डीपीई के पदों का सृजन करना व कम्प्यूटर शिक्षा की फीस को माफ  करने की भी मांग की है। इसके साथ ही शिक्षकों को डाक्टरों की तर्ज पर नॉन टीचिंग अलाउंस देने व अध्यापकों को शिक्षण कार्यों के अतिरिक्त ड्यूटी न लगाने की मांग को भी उठाया है। मांगें पूरी न होने पर अब संघ ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने को 14 मई को संघ के सभी जिलाध्यक्षों को बुलाया है। उन्हांेने कहा कि 15 मई तक संघ की मांगांे पर उचित कदम नहीं उठाए जाते हैं तो संघ आंदोलन का रास्ता अपनाएगा।

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