अब लोक संस्कृति बन गया संगम पर्व

By: Jun 15th, 2017 12:05 am

मनाली —  अशोक सिंघल के अस्थि विसर्जन के साथ शुरू किए चंद्रभागा संगम पर्व में केंद्रीय पर्यटन तथा संस्कृति मंत्री के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और धूमल ने लाहुल-स्पीति पहुंच कर न केवल इस पर्व को राष्ट्रीय  स्तर पर पहचान दिलाई, बल्कि आयोजक डा. चंद्रमोहन परशीरा को आधुनिक युग का भागीरथ कह कर समाज और संगठन की नजरों में उनका स्थान भी बढ़ाया। पिछले वर्ष के संगम पर्व की अप्रत्याशित सफलता ने इस चुनावी वर्ष में जहां परशीरा के विरोधियों की नींद उड़ाई थी। हजारों लोगों ने पहुंचकर डा. चंद्र मोहन परशीरा के भागीरथी प्रयत्नों पर समर्थन और सम्मान की मोहर लगाई । संगम पर्व के बाद स्थानीय लोगों में चर्चा है कि परशीरा जैसे जननेता को टिकट मिलना भी तय है क्योंकि केंद्र और प्रदेश के नेता अब साक्षात परशीरा की जलबे को देख चुके हैं । डा. परशीरा ने कहा कि संगम पर्व अब लोक संस्कृति का हिस्सा बन चुका है और अब वह समाज कल्याण के लिए सकारात्मक राजनीतिक पारी आरंभ करेंगे । उनका कहना है कि अगर यह शक्ति प्रदर्शन था तो यह लोक मत उन्हें चुनाव में अभूतपूर्व मतों से विजयी बनाएगा। विहिप नेता दिनेश चंद्र की नसीहत को वह आदेश मानते हुए शीघ्र ही लाहुल-स्पीति के गांव-गांव में संगम पर्व समिति बनाएंगे

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