कब तक करंट की बलि चढें़गे कर्मचारी

By: Jun 30th, 2017 12:05 am

भोरंज – आखिर कब तक बिजली बोर्ड के कर्मचारी करंट से बेमौत मरते रहेंगे। इनकी इस मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। यही सवाल आज हर किसी भोरंजवासी की जुबान पर है। इससे पहले करीब डेढ़ वर्ष पहले ही एक दर्दनाक हादसा खुथड़ी गांव में पेश आ चुका है। यहां पर तारों की मरम्मत करते समय एक व्यक्ति करंट की चपेट में आया था। उसकी मौत हो गई थी, जबकि एक की बाजू काटनी पड़ी थी। ऐसा ही दर्दनाक हादसा 29 जून को पेश आया है। बिजली मरम्मत के दौरान बिजली सप्लाई अचानक चालू हो जाने से लाइनमैन की करंट से मौत हो गई, जबकि एक ने पीजीआई में दम तोड़ दिया है। बिजली बोर्ड कब अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सजग होगा। आखिर यह हादसे कैसे हो रहे हैं। लोगों ने विभाग की इस कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। बताते चलें कि भोरंज में 28 जून को करंट लगने से लाइनमैन की मौत हो गई। दो टीमेट घायल हो गए हैं। इस कारण क्षेत्र में मातम का माहौल है। आखिर कब तक बिजली विभाग के कर्मचारियों को बिजली के झटकों से झुलसना और जान से हाथ धोना पड़ेगा। लाइनमैन सुरेंद्र कुमार ने सीढ़ी पकड़ी थी। अर्थ के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। भोरंज से लाइन पर काम करने के लिए बिजली बंद करने का परमिट ले रखा था। इतनी बड़ी घटना कैसे घटी इस प्रश्न ने कई सवाल खड़े कर दिए है। हालांकि यह करंट लगने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी वर्ष 2013 में एक और वर्ष 2016 में क्षेत्र में बिजली से करंट लगने की दो घटनाएं हो चुकी है। बस्सी में घटी इस घटना ने तो रोंगटे खड़े कर दिए हैं। वर्ष 16 जून, 2013 में बस्सी बाजार में तैनात विद्युत कर्मचारी रघू राम भी बिजली तारों की मरम्मत करने समय झुलस गया था। 22 मई 2016 में विद्युत सेक्शन खरवाड़ में कार्यरत लाइनमैन ओम प्रकाश गत दिवस विद्युत लाइन को ठीक करते समय करंट लगने से घायल हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार लाइनमैन महल पंचायत के कोट गांव में विद्युत पोल पर चढ़कर बिजली को ठीक कर रहा था कि इसी दौरान उसे करंट लगा और वह नीचे गिर गया। इससे वह घायल हो गया। 20 जुलाई, 2016 लदरौर के चमयोग गांव में विद्युत कर्मचारी सुरेंद्र कुमार गांव ठाणा बुधवार को बिजली की खराबी को ठीक कर रहा था। सबसे पहले सुरेंद्र ने बिजली को बंद किया, लेकिन वह ठीक ढंग से बंद नहीं हुई थी। जब वह बिजली को ठीक करने पर पोल पर चढ़ा तो वह करंट की चपेट में आकर घायल हो गया।

ऐसे होता है मरम्मत का काम…

अगर बिजली कर्मी मेंटिनेंस के लिए पोल पर चढ़ता है, तो नीचे खड़ा अन्य विभागीय कर्मी पहले सबस्टेशन को लाइन बंद करने के लिए कोड बताकर लाइन बंद करवाता है। मेंटिनेंस पूरी होने पर फिर से मौके पर मौजूद कर्मी कोड बताकर लाइन चालू करने को कहता है। अब ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि जब मंगलवार 2ः35 दोपहर से परमिट ले रखा था, तो लाइन कैसे चालू हुई।

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