करियाड़ा नाग मंदिर में सांप का जहर बेअसर

By: Jun 7th, 2017 12:05 am

गरली – उपमंडल देहरा के अंतर्गत गांव निचला करियाड़ा का ऐतिहासिक नाग मंदिर अब किसी की पहचान का मोहताज नहीं रहा है। यह मंदिर सांप-बिच्छू के काटने  वाले  श्रद्धालुओं व बिना औलाद पीडि़त दंपतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आस्था है कि यहां मंदिर परिसर में सच्ची श्रद्धा से मन्नत मागने वाला कोई भक्त शायद ही आज तक यहां से निराश होकर खाली हाथ लौटा हो। बता दें कि यहां सप्ताह में मंगलवार, शनिवार व रविवार शक्तिपीठ नाग मंदिर परिसर में भक्तों का मेला लगा रहता है। मंदिर प्रशासन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के कडे़ इंतजाम किए गए हैं। यहां प्रतिदिन हिमचाल व पड़ोसी राज्य से आने वाले किसी भी भक्त को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए मंदिर के चारों ओर स्टील की रेलिंग लगाई गई हैं,  ताकि कोई भी बुजुर्ग व महिला या बच्चा आसानी से यहां देवी-देवताओं के दर्शन कर सके। इतना ही नहीं, मंदिर की सुरक्षा भी पूर्ण रूप से चकाचौंध की गई है। मंदिर के चारों ओर नौ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं,  जो रात-दिन लगातार 24 घंटे आने-जाने वाले लोगों पर निगाह रखे हुए हैं, ताकि कभी भी किसी श्रद्धालु या मंदिर में किसी भी कीमती वस्तु का नुकसान न हो। वहीं, मंदिर पुजारी कुलदीप गुलेरिया ने बताया कि यहां पड़ोसी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु रात के ठहरने व खाने-पीने की भी मंदिर प्रशासन की ओर से पुख्ता प्रबंध किया गया है। बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में एक चमात्कारी पेड़ है, जो पूर्ण रूप से खोखला होकर सूख चुका था, लेकिन नागराज ने यहां अचानक प्रकट होकर उक्त पेड़ से लिपट कर न केवल इस बाहुबली पेड़ को ही घुमाबदार बना दिया था, बल्कि यह सूख चुका पेड़ धीरे-धीर हरा भरा होकर यहां भक्तों के लिए आस्था का प्रतीक बन गया है। कहा जाता है कि अब इस चमात्कारी पेड़ के ऊपर बिल्ब व गरने का पेड़ भी उग चुका है, जो यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। बहरहाल इस मंदिर की पवित्र आस्था को देखते हुए पंजाब, हरियाणा, जम्मू, दिल्ली व कानपुर सहित अन्य कई राज्यों के भक्त यहां पहुंचते हैं।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App