जीएसटी के खिलाफ उतरे दुखी किसान

By: Jun 3rd, 2017 12:05 am

पांवटा साहिब —  हिमाचल किसान सभा की पांवटा इकाई ने केंद्र द्वारा हाल ही में लागू किए गए जीएसटी को आने वाले समय में ंकिसानों की आत्महत्या का बड़ा कारण कहा है। पांवटा साहिब में हुई तहसील कमेटी की बैठक में कृषि उपकरणों पर लगाए गए 32 फीसदी टैक्स की सभा ने कड़ी निंदा की और इस टैक्स को कृषि दायरे से बाहर रखने की मांग उठाई। इस बैठक की अध्यक्षता सभा अध्यक्ष ओमप्रकाश ने की। बैठक में सभा के जिला सचिव गुरविंद्र सिंह भी मौजूद रहे। सभा पदाधिकारियों ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू किया है, जिसकों प्रदेश विधानसभा में भी स्वीकृति दी गई है। इस सिस्टम में कृषि उपकरणों पर 32 फीसदी तक टैक्स लगाया गया है, जिसकी सभा कड़े शब्दों में निदा करती है। सभा के पदाधिकारियों ने बताया कि पहले कृषि उपकरणों पर टैक्स नहीं होता था, जिससे छोटे व मंझलें किसानों को लाभ मिल रहा था, लेकिन अब जीएसटी लागू करने से सरकार ने किसानों की आत्महत्या के रास्ते खोल दिए है, जिसे किसान सभा कतई मंजूर नहीं करेगा। सभा ने कृषि उपकरणों को टैक्स के दायरे से बाहर रखने की मांग की है। इसके अलावा निर्णय हुआ कि आगामी आठ और नौ जून को जिलाधीश कार्यालय नाहन के बाहर धरना-प्रदर्शन के लिए पांवटा से 100 किसान जाएंगे। यह धरना किसानों के कब्जे बहाल करने और अन्य मांगों को लेकर किया जा रहा है। बैठक में इकाई अध्यक्ष ओम प्रकाश, भूपिंद्र सिंह, जगदीश चंद, ज्ञान चंद, रामप्रकाश, दलीप तोमर, अली जान, गुरविंद्र, केहर और महिंद्र सिंह आदि ने भाग लिया।

हरियाणा की तर्ज पर हो आढ़त व्यवस्था

पांवटा साहिब- हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश सरकार व कृषि मंत्री ने मांग की है कि पांवटा व प्रदेश की अन्य मंडियों मे हरियाणा व पंजाब राज्य की तरह आढ़त व्यवस्था शुरू की जाए, ताकि किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए विकल्प मिल सके। पांवटा साहिब में जारी प्रेस बयान मे किसान सभा के जिला सचिव गुरविंद्र सिंह ने कहा कि पांवटा व प्रदेश की अन्य अनाज मंडियों मे केवल एकमात्र खरीद एजेंसी होती है, जहां पर उत्पाद के दाम पहले से तय होते है, जिस कारण किसानों को विकल्प नहीं मिल पाता। इसलिए अन्य राज्यों हरियाणा और पंजाब की तरह ही यहां पर भी आढ़त व्यवस्था शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने गत दिनों पांवटा अनाज मंडी में एफसीआई के गेहूं खरीद केंद्र को स्थापित करने के लिए स्थानीय विधायक चौधरी किरनेश जंग, प्रदेश के कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री का अभार प्रकट किया गया तथा मांग की गई कि गेहूं की तरह ही धान खरीद की व्यवस्था भी पांवटा मंडी में की जाए। पड़ोसी राज्य हरियाणा की मंडियों में आढ़त व्यवस्था से किसान लाभ ले रहे है। पांवटा के सिकान भी अपने उत्पाद हरियाणा की मंडियों में ले जातें है, क्योंकि उन्हे वहां पर बिकल्प मिलते है। यही कारण है कि इस बार भी पांवटा की अनाज मंडी में एफसीआई के गेहूं खरीद केंद्र में गेहूं की आमद कम रही।

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