ट्रक यूनियनों को भंग करे सरकार

By: Jun 22nd, 2017 12:10 am

हिमाचल प्रदेश में उद्योग हित के लिए सीआईआई का आग्रह

newsबीबीएन— भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल ने ट्रक यूनियनों के एकाधिकार को खत्म करने के लिए साहसिक कदम उठाने का आग्रह किया है। सीआईआई ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि वह उद्योग व निवेश के लिहाज से ट्रक यूनियनों को भंग करे। इसके अलावा उद्योग के सभी क्षेत्रों को समान रूप से बिजली प्रदान करने, और कर लोकपाल नियुक्त करने के पंजाब सरकार के फैसलों को हिमाचल प्रदेश में भी अपनाएं,ताकि हिमाचल में निवेशक बेझिझक निवेश आकर्षित कर सके । सीआईआई हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल के चेयरमैन राजेश साबु ने बुधवार को कहा कि राज्य में ट्रक यूनियनों को तोड़ना बहुत जरूरी हो गया है। मौजूदा समय में ट्रक यूनियनों द्वारा एकाधिकार प्रथाओं को अपनाया जा रहा है, जिससे राज्य में उद्योगों को काफी नुकसान हो रहा है और उद्योगों के लिए अप्रतिस्पर्धी माहौल तैयार हो रहा है। इसके अलावा राज्य में ट्रक यूनियन बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय अपव्यय कर रही हैं ,जो प्रदेश व व्यापारियों के हित में नहीं हैं। हालात यह है कि यूनियनों के मनमाने रवैये , बेतरतीब मालभाड़े सहित ऐसे कई कारण जिसने उद्यमियों की कमर तोड़ दी है। औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रक यूनियनों के एकाधिकार से उद्यमी का काम करना आसान नहीं है। यदि पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में हिमाचल प्रदेश में अपनाया जाता है तो इन कदमों से राज्य नए निवेशकों को आकर्षित कर सकेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। सीआईआई हिमाचल प्रदेश स्टेट काउंसिल के उपाध्यक्ष आईएमजेएस सिद्धू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को इस तरह के साहसिक कदम उठाने भी चाहिए जैसे कि उद्योग के लिए एक समान बिजली टैरिफ और ट्रक यूनियनों को तोड़ना ये मुद्दे राज्य में निवेश के प्रवाह को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली प्रदान करने के फैसले को भी अपनाने की अपील की है।

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