तीन टीचर संभाल रहे चार क्लासेज

By: Jun 4th, 2017 12:05 am

शारवी स्कूल में शिक्षकों के पांच पद रिक्त, विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर

रामपुर बुशहर— प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के कई इलाकों में आज भी विद्यार्थियों का भविष्य शिक्षकों के न होने से दांव पर लगा है। निरमंड खंड की उच्च माध्यमिक पाठशाला शारवी में भी कुछ ऐसा ही हाल है। इस स्कूल में पिछले कई वर्षों से अहम विषयों के शिक्षक न होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। एसएमसी और अभिभावकों के बार-बार आग्रह करने के बाद भी स्कूल में शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पा रही है। इस कारण क्षेत्र के विद्यार्थी कई किलोमीटर की दूरी तय कर दूसरे स्कूलों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। बताते चलें कि शारवी स्कूल में पिछले दो वर्ष से मुख्याध्यापक, तीन वर्ष से टीजीटी नॉन मेडिकल, एक वर्ष से टीजीटी मेडिकल, तीन वर्ष से टीजीटी आर्ट्स, तीन वर्ष से शास्त्री, पिछले दस वर्ष से पीईटी और लिपिक के पद रिक्त पड़े हैं। ऐसे में स्कूल में छठीं से दसवीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण कर रहे 28 छात्र-छात्राओं को शिक्षक न होने से खासी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। स्कूल में चार कक्षाओं का जिम्मा तीन शिक्षकों के सहारे है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता कि विद्यार्थियों को कितनी गुणात्मक शिक्षा मिल पा रही होगी। इसके चलते कई विद्यार्थी कई किलोमीटर दूर देवगी, सराहर और घाटू स्कूल का रुख कर चुके हैं। स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बेली राम, अभिभावक महेंद्र पाल, जनता देवी, रीता देवी, पूर्वा देवी, तारा चंद, हीरा लाल सहित अन्य अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने को कई बार गुहार लगाई गई। बावजूद इसके कई वर्ष बीत जाने के बाद भी स्कूल में शिक्षकों की तैनाती नहीं हो पाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पत्र भेजकर स्कूल में शिक्षकों की तैनाती करने की मांग की है, ताकि विद्यार्थियों का भविष्य संवर सके।

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