नारग से मोगीनंद तक प्यास प्रचंड

By: Jun 25th, 2017 12:05 am

पच्छाद क्षेत्र के एक दर्जन गांवों में गहराया पेयजल संकट, लोग ठोकरें खाने को मजबूर

नाहन  – भले ही जिला सिरमौर में मानसून की बारिशें शुरू हो चुकी हों, परंतु जिला सिरमौर के अधिकांश हिस्सों के लोग अभी भी प्यासे हैं। सिरमौर जिला के पच्छाद विकास खंड के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र नारग के करीब एक दर्जन छोटे-बड़े गांवों के लोग पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से पीने के पानी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। स्थानीय लोग बार-बार इस बारे में विभाग के स्थानीय अधिकारियों को भी अपना दुखड़ा सुना चुके हैं, परंतु कोई भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है। हालत यह है कि अब नारग क्षेत्र के करीब एक दर्जन गांव के लोेग कई किलोमीटर दूर से पीने का पानी ढोने को मजबूर हैं। यदि समय रहते विभाग ने नारग के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की तो शीघ्र ही स्थानीय लोगों को गुस्सा विभागीय अधिकारियों पर फूट सकता है। जानकारी के मुताबिक नारग पंचायत के समस्त गांवों को पानी उपलब्ध करवाने वाली देओथल-नारग योजना का  सुचारू क्रियान्वयन न होने से ग्रामीणों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। गौरतलब है कि उक्त योजना से पंचायत के बहुत से बड़े-बड़े गांव नारग, घहलुत, भड़ूत, कावखी, खगोग, दीद चाकला आदि में पानी की घोर किल्लत से हड़कंप मचा हुआ है। हैरानी की बात यह है कि नदी में पर्याप्त पानी होने के बावजूद पिछले एक हफ्ते से लोगों को पानी की सप्लाई नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारग और साथ लगते विद्यालयों के सैकड़ों विद्यार्थियों को भी पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है। स्थानीय ग्रामीणों में शामिल जब्बर सिंह, चंद्रदेव, अनूप, संदीप, राजेश, उपेंद्र, जय प्रकाश, सतीश शर्मा, अजय व संजय आदि ने बताया कि लोगों को एक हफ्ते से दूर-दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग के कनिष्ठ अभियंता व एसडीओ से बात नहीं हो पाई। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है, परंतु विभाग की ओर से अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

मोगीनंद में पानी न मिलने से लोगों को झेलनी पड़ रही हैं दिक्कतें

कालाअंब – औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के अंतर्गत आने वाले गांव मोगीनंद में बीते कई दिनों से लोगों को पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। मोगीनंद गांव में पीने के पानी के लिए हाहाकार मची हुई है और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। आलम यह है कि मोगीनंद गांव में आईपीएच विभाग द्वारा पीने के पानी की जो सप्लाई दी जा रही है वह नाकाफी साबित हो रही है। हालत यह है कि कई घरों में लगे आईपीएच विभाग के नलकों के हल्क सूख चुके हैं, जिस कारण लोगों को आए दिन पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। अपनी पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए मोगीनंद गांव के लोगों को पानी के टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं, जिस कारण लोगों की जेबों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पानी के टैंकर नहीं खरीद पाते हैं जिस कारण उन्हें मजबूरन हैंडपंपों का रुख करना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक मोगीनंद गांव में आईपीएच विभाग द्वारा जो हैंडपंप लगाए गए हैं उनमें से दो हैंडपंप खराब पड़े हैं, जिस कारण लोगों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। सबसे ज्यादा मुश्किल तो मोगीनंद के उद्योगों में लगे श्रमिकों को झेलनी पड़ रही हैं, क्योंकि उनके पास न तो पानी स्टोर करने का पर्याप्त साधन है और न ही वह 250 से 300 रुपए पानी का टैंकर खरीद सकते हैं।  मजबूरन इन प्रवासी मजदूरों को हैंडपंप का गंदला पानी पीना पड़ जाता है, जिसकी वजह से यह कई पेट की बीमारियों से भी ग्रसित हो जाते हैं। जानकारी के मुताबिक मोगीनंद के पोस्ट आफिस और खेड़ा मंदिर के नजदीक लगे दो हैंडपंप अनेकों घरों के लोगों व प्रवासी मजदूरों की प्सास बुझाते थे, परंतु पिछले कई दिनों से इन हैंडपंपों के खराब होने के चलते लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। उधर, इस संबंध में जब आईपीएच विभाग मोगीनंद के कनिष्ठ अभियंता अश्वनी कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वाटर लेवल डाउन होने के चलते मोगीनंद गांव में पीने के पानी की समस्या हो रही है। उन्होंने बताया कि खराब पड़े हैंडपंपों को जल्दी ही ठीक करवा दिया जाएगा।

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